tag:blogger.com,1999:blog-3791215077552166321.post1083220666470840614..comments2024-03-17T16:55:05.139+05:30Comments on जिज्ञासा की जिज्ञासा : महिला दिवस की तैयारियाँ हैंजिज्ञासा सिंह http://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-3791215077552166321.post-44381722748766501022023-03-19T01:04:26.231+05:302023-03-19T01:04:26.231+05:30आपकी टिप्पणी मेरे नव सृजन को धर देगी, संजीवनी है म...आपकी टिप्पणी मेरे नव सृजन को धर देगी, संजीवनी है मेरे लिए। आभार और अभिनंदन आपका।जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3791215077552166321.post-38417224380847115232023-03-19T01:01:14.486+05:302023-03-19T01:01:14.486+05:30बहुत आभार सखी, आपकी इस शानदार और प्रेरक प्रतिक्रिय...बहुत आभार सखी, आपकी इस शानदार और प्रेरक प्रतिक्रिया मेरेबली संजीवनी का काम करेगी ।जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3791215077552166321.post-27141260098512512332023-03-19T01:00:17.393+05:302023-03-19T01:00:17.393+05:30बहुत बहुत आभार ज्योति दीदी आपका।
आपकी टिप्पणियां ह...बहुत बहुत आभार ज्योति दीदी आपका।<br />आपकी टिप्पणियां हमेशा नव लेखन का मार्ग प्रशस्त करती हैं।जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3791215077552166321.post-82963633770034240292023-03-19T00:58:54.455+05:302023-03-19T00:58:54.455+05:30जी, बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय।
इस प्रेरक प्रतिक्र...जी, बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय।<br />इस प्रेरक प्रतिक्रिया ने सृजन को सार्थक कर दिया।जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3791215077552166321.post-70405331767149081052023-03-19T00:55:19.337+05:302023-03-19T00:55:19.337+05:30धन्य हो Jigyasa कि तुमने एक ही घाट पर वाट लगा दी स...धन्य हो Jigyasa कि तुमने एक ही घाट पर वाट लगा दी समाज के सारे भद्रजन और भद्रानियों की.<br />खोल दी ढकी हुयी भीतर की पोल को<br />अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के ढोल की... 😄 😄 😄<br />साधुवाद करारा व्यंग करती इस विलक्षण कविता के लिये.<br />Vikramsinghbhadoriya@gmail.com Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3791215077552166321.post-74254598846829002252023-03-19T00:45:17.512+05:302023-03-19T00:45:17.512+05:30Vikramsinghbhadoriya@gmail.com
धन्य हो जिज्ञासा क...Vikramsinghbhadoriya@gmail.com<br /><br />धन्य हो जिज्ञासा कि जिसने एक ही कविता में लपेट दिया भद्र जन और भद्नियों को Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3791215077552166321.post-2451527091906028602023-03-18T21:39:47.503+05:302023-03-18T21:39:47.503+05:30पंच सरपंची की टोपी
सज रही नव शीश पर।
मंच पर पतिद...पंच सरपंची की टोपी<br /><br />सज रही नव शीश पर।<br /><br />मंच पर पतिदेवता हैं<br /><br />वे हैं पिछली सीट पर॥<br /><br />दस्तख़त का मूल्य सज <br /><br />चलकर चुकानें आ गईं,<br /><br />स्वयं के उद्धार पर <br /><br />ख़ुद ही बजातीं तालियाँ हैं॥<br />अकाट्य सच उकेरा है आपने जिज्ञासा जी ! कैसा उत्थान है नारी का...अभी तक नथुने विध रहे हैं सुहाग के नाम पर चुडै़ले लगे हैं हथकड़ियों से...<br />सही कहा आपने कि नारी कि कौन सुनेगा जब तक वो अपनी ही कोख में अपनी अर्थियां सजाती रहेगी तब तक न कुछ करने लायक बन सकती ना ही कुछ कहने लायक। फिर कैसा उत्थान ? ये स्वयंसिद्धा की कमजोर मानसिकता ही है कि धरती आसमान एक कर चली है पुनः पुनः स्वयं को सिद्ध करने ।<br />सम्पूर्ण सत्य उजागर करती इस लाजवाब कृति हेतु अनंत साधुवाद आपको 👌👌🙏🙏🙏🙏<br />Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3791215077552166321.post-22465201826472422812023-03-18T19:13:31.506+05:302023-03-18T19:13:31.506+05:30बहुत सुंदर रचना, जिज्ञासा दी।बहुत सुंदर रचना, जिज्ञासा दी।Jyoti Dehliwalhttps://www.blogger.com/profile/07529225013258741331noreply@blogger.com