tag:blogger.com,1999:blog-3791215077552166321.post8368333201998954787..comments2024-03-17T16:55:05.139+05:30Comments on जिज्ञासा की जिज्ञासा : चिंघारजिज्ञासा सिंह http://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-3791215077552166321.post-87192260182815692672022-11-21T13:51:30.947+05:302022-11-21T13:51:30.947+05:30चींटियों का एक बड़ा
अम्बार घेरे था खड़ा ।
खोल ल...चींटियों का एक बड़ा <br /><br />अम्बार घेरे था खड़ा ।<br /><br />खोल लुढ़का सीप का <br /><br />मुँह को छुपाए था पड़ा ॥<br /><br />सिसकती आवाज़ बहती<br /><br />आँसुओं की धार,<br /><br />कोरों से सिधारे, आज देखा ॥<br />बहुत सटीक आज के परिपेक्ष्य पर...<br />बस टूटने बिखरने की देर है मोती तो क्या हाड़मांस के चिथड़े उधेड़ने सब आ जाते सब आ जाते हैं<br />बहुत सुन्दर सराहनीय सृजन।Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3791215077552166321.post-55228016786932782272022-11-19T21:06:53.468+05:302022-11-19T21:06:53.468+05:30सीप के माध्यम से आज का सत्य उजागर करती रचना
प्रती...सीप के माध्यम से आज का सत्य उजागर करती रचना <br />प्रतीकात्मक शैली में शानदार सृजन।<br />मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3791215077552166321.post-76618365909535827212022-11-18T23:34:53.485+05:302022-11-18T23:34:53.485+05:30आपकी प्रतिक्रिया रचना को संपूर्णता प्रदान करती है,...आपकी प्रतिक्रिया रचना को संपूर्णता प्रदान करती है, हार्दिक आभार आपका ।जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3791215077552166321.post-76245180774562639862022-11-18T23:34:08.113+05:302022-11-18T23:34:08.113+05:30प्रतिक्रियाएं मनोबल बढ़ा जाती है,आपका हार्दिक आभार...प्रतिक्रियाएं मनोबल बढ़ा जाती है,आपका हार्दिक आभार सखी ।जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3791215077552166321.post-8971277057672540432022-11-18T23:33:12.470+05:302022-11-18T23:33:12.470+05:30बहुत बहुत आभार आदरणीय दीदी।बहुत बहुत आभार आदरणीय दीदी।जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3791215077552166321.post-64186471875440613942022-11-18T23:32:43.784+05:302022-11-18T23:32:43.784+05:30रचना की समीक्षात्मक प्रतिक्रिया के लिए आपका बहुत आ...रचना की समीक्षात्मक प्रतिक्रिया के लिए आपका बहुत आभार और अभिनंदन ! ब्लॉग पर आपकी टिप्पणी का सदैव स्वागत है ।जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3791215077552166321.post-26683496603784288082022-11-18T23:30:33.616+05:302022-11-18T23:30:33.616+05:30आदरणीय शास्त्री जी, सादर प्रणाम!
चर्चा मंच में मेर...आदरणीय शास्त्री जी, सादर प्रणाम!<br />चर्चा मंच में मेरी रचना शामिल करने के लिए आपका हार्दिक आभार और अभिनंदन।जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3791215077552166321.post-19558674332851890232022-11-18T15:28:57.934+05:302022-11-18T15:28:57.934+05:30जो असहाय हो उसे नोचने और खसोटने ना जाने कौन-कौन प...जो असहाय हो उसे नोचने और खसोटने ना जाने कौन-कौन पहुँच जाते हैं।मार्मिक रचना के लिए बधाई और शुभकामनाएं प्रिय जिज्ञासा जी।रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3791215077552166321.post-91891180059328622142022-11-18T11:12:28.674+05:302022-11-18T11:12:28.674+05:30मार्मिक रचना सखीमार्मिक रचना सखीAbhilashahttps://www.blogger.com/profile/06192407072045235698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3791215077552166321.post-74908786127016397222022-11-18T10:46:36.321+05:302022-11-18T10:46:36.321+05:30मार्मिक रचना मार्मिक रचना Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3791215077552166321.post-68855555731674853262022-11-18T09:08:24.171+05:302022-11-18T09:08:24.171+05:30"जिनके म्यान में तलवार,
बिन लड़े, हारे आज दे..."जिनके म्यान में तलवार,<br /> बिन लड़े, हारे आज देखा ॥" ... <br /> जिज्ञासा जी ! नमन संग आभार आपका .. सीप के आलम्बन में मानव समाज की वास्तविकता का मार्मिक शब्द-चित्रण उकेरने के लिए, जो किसी भी संवेदनशील मन को मथ कर व्यथित करने के लिए पर्याप्त हैं .. यशोदा जी की भाषा आपको "साधुवाद" ...<br />वैसे भी अब तो "गिद्ध" प्रायः लुप्तप्राय प्राणी हो गये हैं, जो कहीं-कहीं चिड़ियाखानों में देखने के लिए मिल जाते हैं और समाज में उनकी खानापूर्ति मानव ही अपने समाज में करता दिख जाता है .. शायद ...Banjaarabastikevashindehttps://subodhbanjaarabastikevashinde.blogspot.com/2022/11/blog-post.html?m=1noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3791215077552166321.post-55916741323978382682022-11-18T05:18:47.511+05:302022-11-18T05:18:47.511+05:30आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (19-...आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (19-11-2022) को <a href=" " rel="nofollow"> "माता जी का द्वार" (चर्चा अंक-4615) </a> पर भी होगी।<br />--<br />कृपया कुछ लिंकों का अवलोकन करें और सकारात्मक टिप्पणी भी दें।<br />--<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />--<br />डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' <br />डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3791215077552166321.post-41515268432613680282022-11-17T21:52:07.184+05:302022-11-17T21:52:07.184+05:30जिज्ञासा जी,
कृपया स्पेम चेक कीजिएगा और.आमंत्रण प्...जिज्ञासा जी,<br />कृपया स्पेम चेक कीजिएगा और.आमंत्रण प्रतिक्रिया पब्लिश कर.दीजिएगा।<br />सस्नेह।Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3791215077552166321.post-75524596236598209562022-11-17T21:50:45.796+05:302022-11-17T21:50:45.796+05:30जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना शुक्रवार १८ नवंबर २०२२ क...जी नमस्ते,<br />आपकी लिखी रचना शुक्रवार १८ नवंबर २०२२ के लिए साझा की गयी है<br /><a href="http://halchalwith5links.blogspot.com/" rel="nofollow">पांच लिंकों का आनंद</a> पर...<br />आप भी सादर आमंत्रित हैं।<br />सादर<br />धन्यवाद।Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.com