मैं नहीं खेलूँगी होरी
देखो श्याम मैं नहीं खेलूँगी होरी
मै नहीं खेलूँगी होरी ...
तन मोरा भीजे,मन मोरा खीझे
मत करो तुम बरजोरी
देखो श्याम ...
गोरा बदन मोहें रंग नहीं भावे
भीजत चुनरी कोरी
देखो श्याम...
मोहे बिरज की होरी न बिसरे
नाचत गावत गोरी
देखो श्याम...
गलियन गलियन धूम मचावत
आवत छोरा छोरी
देखो श्याम...
ढोल मजीरा नौबत बाजत
बजत मुरलिया तोरी
देखो श्याम ...
श्याम सुंदर मारी भर पिचकारी
बिहँस परी राधा गोरी
देखो श्याम...
**जिज्ञासा सिंह**
बिहारी जी की होली का मनभावन चित्रण किया है आपने।
जवाब देंहटाएंहोली की हार्दिक शुभकामनाएँ🙏
यशवन्त जी,आपका बहुत बहुत आभार, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को हार्दिक नमन एवम वंदन ।
हटाएंसुंदर रचना ! होली की हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंगगन जी, आपकी प्रशंसा का तहेदिल से शुक्रिया, होली की हार्दिक शुभकामनाएं एवम बधाई ।
हटाएंवाह...वाह...वाह..होली की बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंरंग भरी होली की शुभकामनाएँ।
आदरणीय शास्त्री जी, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को हार्दिक नमन एवम वंदन ।
हटाएंवाह बेहतरीन रचना।
जवाब देंहटाएंहोली की हार्दिक शुभकामनाएं।
बहुत बहुत आभार अनुराधा जी, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को हार्दिक नमन एवम वंदन ।
हटाएंअलौकिक होली...
जवाब देंहटाएंराधा और कृष्ण की...
होली की हार्दिक शुभकामनाएं स्वीकार करें 🙏
वर्षा जी,आपकी मन मोहनी प्रशंसा को नमन करती हूं,सादर ।
हटाएंसादर नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (30-3-21) को "कली केसरी पिचकारी"(चर्चा अंक-4021) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
--
कामिनी सिन्हा
प्रिय कामिनी जी ,नमस्कार !
हटाएंचर्चा अंक में मेरी रचना शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार ।सादर शुभकामनाएं ।
जय राधे श्याम
जवाब देंहटाएंजय राधे कृष्ण,आपको मेरा सादर अभिवादन ।
हटाएंब्रज की होली का आनंद आ गया ... बहुत सुन्दर भाव .
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रशंसा के लिए आपका हार्दिक आभार, आपको मेरा सादर अभिवादन ।
हटाएंआपकी रचना में ब्रज की होली का आनंद आ रहा है
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत आभार व्यक्त करती हूं, ब्लॉग पर आपकी उपस्थिति देख स्वागत है ।
हटाएंबहुत सुन्दर गीत जिज्ञासा !
जवाब देंहटाएंमुझे तो इस गीत को पढ़ कर -
'मोहे पनघट पे नन्दलाल छेड़ गयो रे --'
याद आ गया.
आपने इस गीत की सराहना की, जिसके लिए आपका हार्दिक आभार एवम अभिनंदन, सादर नमन
हटाएंबहुत सुंदर भावपूर्ण गीत प्रिय जिज्ञासा जी।
जवाब देंहटाएंजीवंत शब्दचित्र खींच देती हैं आप।
सादर।
प्रिय श्वेता जी,आपकी प्रशंसा हमेशा मन में एक सुंदर आस जगाती है,और खुशी मिलती है,सादर नमन । आपके स्नेह की अभिलाषा में जिज्ञासा सिंह ।
जवाब देंहटाएंगलियन गलियन धूम मचावत
जवाब देंहटाएंआवत छोरा छोरी
देखो श्याम...
ढोल मजीरा नौबत बाजत
बजत मुरलिया तोरी
देखो श्याम ...
बहुत खूबसूरत भावभीना होली गीत जिज्ञासा जी !
आदरणीयमीना जी,आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को हार्दिक नमन है,सादर अभिवादन ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर होली गीत,जिज्ञासा दी।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार ज्योति जी, आपकी प्रशंसा को सादर नमन है ।
हटाएंअच्छी रचना है, खूब बधाई
जवाब देंहटाएंसंदीप जी आपका बहुत बहुत आभार व्यक्त करती हूं, आपकी प्रशंसा को सादर नमन ।
हटाएंबहुत ही प्यारी रचना, जय श्री श्याम राधे कृष्णा जी को नमन
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार ज्योति दीदी, आपकी उत्साहित करती प्रशंसा को सादर नमन करती हूं ।
हटाएंशकृष्ण राधा की होली पर बहुत सुन्दर मनभावन गीत
जवाब देंहटाएंवाह!!!
बहुत बहुत आभार सुधा जी, आपकी टिप्पणी देख मन खुश हो गया ,सादर नमन ।
जवाब देंहटाएंहोली के अवसर पर सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति। आपको बधाई।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार, वीरेन्द्र जी आपकी प्रशंसा को सादर नमन एवम वंदन ।
हटाएंहोली के रंग में रँगी बहुत ही प्यारी रचना जिज्ञासा जी
जवाब देंहटाएंसंजय जी, आपका बहुत बहुत आभार एवम नमन,सादर शुभकामनाओं सहित जिज्ञासा सिंह ।
जवाब देंहटाएंबहुत भावपूर्ण प्रस्तुति जिज्ञासा जी | राधा जी और संवरे की ये होली बहुत प्यारी है | खेद है कि यहाँ आते आते देर हो गयी | देर से ही सही मेरी शुभकामनाएं स्वीकार करें |
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत आभार प्रिय रेणु जी आपकी उपस्थिति ही मुझे खुशी दे गई,कुछ भी देर नहीं होता ।आपको मेरा सादर नमन ।
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