ज्ञान का भंडार होतीं पुस्तकें
मन का हैं श्रृंगार होतीं पुस्तकें
रूढ़ियों और बंदिशों की गांठ को
खोलने का द्वार होतीं पुस्तकें
जब कभी भी मेघ बरसे चमककर
रेशमी फुहार होतीं पुस्तकें
इस धरा की सरसता को जो छले
कहने का हथियार होतीं पुस्तकें
संस्कृति और मूल्यों का ह्वास हो जब
डालती संस्कार होतीं पुस्तकें
अलख जब हम हैं जगाते जगत में
दे रही अधिकार होतीं पुस्तकें
कुछ कहीं मन में खटकता हो अगर
मौन का उद्गार होतीं पुस्तकें
तेल डाले कान में बैठा दिखे जब तंत्र ये
बन रही गुहार होतीं पुस्तकें
ब्रम्ह और ब्रह्माण्ड है इनमें भरा
ज्ञान का भंडार होतीं पुस्तकें
इस जहाँ की हर नियति ये जानतीं
यूँ कहें संसार होतीं पुस्तकें
वक्त ने इनमें भरी जब कलुषता
कर रही प्रतिकार होतीं पुस्तकें
देवों की पूजा, सदा ही वंदनी
भावों का इजहार होतीं पुस्तकें
**जिज्ञासा सिंह**
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (28-03-2021) को "देख तमाशा होली का" (चर्चा अंक-4019) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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रंगों के महापर्व होली और विश्व रंग मंच दिवस की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ-
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सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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आदरणीय शास्त्री जी, नमस्कार ।
जवाब देंहटाएंब्लॉग पर आपकी उपस्थिति हमेशा उत्साह बढ़ाती है,मेरी रचना को चर्चा अंक में शामिल करने के लिए आपका हार्दिक आभार व्यक्त करती हूं,होली की हार्दिक शुभकामनाओं सहित सादर नमन ।
मैं, एक पुस्तक-प्रेमी जिसने ज़िन्दगी भर दीवानगी की हद तक किताबों से प्यार किया, आपकी इस रचना के शब्द-शब्द से स्वयं को आबद्ध अनुभव कर रहा हूँ जिज्ञासा जी । बहुत अच्छी रचना है यह आपकी ।
जवाब देंहटाएंइतनी सुंदर भावपूर्ण प्रतिक्रिया मन को छू गई, आपको रचना पसंद आई,मैं समझूंगी, कुछ जरूर सही लिखा है,क्योंकि आपका किताबों का अनुभव मैं रोज़ देख रही हूं और नमन भी करती हूं । होली की हार्दिक शुभकामनाएं एवम बधाई ।
हटाएंसही कहा आपने। खासतौर से अकेलेपन और निराशा की स्थिति में पुस्तकों से बेहतर हमदर्द और दोस्त कोई नहीं होता।
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत आभार यशवंत जी, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया ने रचना का मान बढ़ा दिया,स्नेह बनाए रखें, होली की हार्दिक शुभकामनाएं एवम बधाई । आपसे अनुरोध है कि समय मिले तो मेरे ब्लॉग" जिज्ञासा के गीत"पर भी अवश्य भ्रमण करें, लोकगीतों को प्रोत्साहन मिलेगा,साथ ही होली के गीतों का आनन्द । आपके निरंतर स्नेह को नमन है, होली की हार्दिक शुभकामनाएं एवम बधाई ।
जवाब देंहटाएंजी बिल्कुल! आपके अन्य ब्लॉग्स पर भी जल्द ही आऊँगा।
हटाएंआपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएँ🙏
🙏🙏🌹🌹🙏🙏
हटाएंप्रिय जिज्ञासा जी, मेरी तो गुरु किताबें हैं। मेरी तो पढ़ाई दसवीं के बाद स्वयंपाठी छात्रा के रूप में हुई, सो किताबों ने सुकून भी दिया, ज्ञान भी दिया। किताबों की महिमा बढ़ाते हुए,बहुत अच्छा लिख आपने। ढेरों शुभकामनाएं। होली की मंगल कामनाओं के साथ बधाई। ❤❤🙏🌹🌹
जवाब देंहटाएंजी,सही कहा आपने, किताबें गुरु ही होती हैं,साथ ही सुकून भी देती है,कुछ ऐसी बातें सिखा देती हैं जिनसे जीवन भर मार्गदर्शन मिलता है ।आपकी प्रशंसा को हृदय की गहराइयों से नमन करती हूं,प्रिय सखी को, सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएं एवम बधाई ।
हटाएंतेल डाले कान में बैठा दिखे जब तंत्र ये
जवाब देंहटाएंबन रही गुहार होतीं पुस्तकें
ब्रम्ह और ब्रह्माण्ड है इनमें भरा
ज्ञान का भंडार होतीं पुस्तकें //👌👌👌👌🙏🙏
बहुत बहुत आभार प्रिय रेणु जी, सादर नमन ।
हटाएंअति उत्तम
जवाब देंहटाएंरंगोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं आ0
बहुत बहुत आभार अनीता जी, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को हार्दिक नमन । होली की हार्दिक शुभकामनाएं एवम बधाई ।
हटाएंप्रभावशाली लेखन - - होली की शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत आभार आदरणीय शांतनु जी, आपकी प्रशंसा को हृदय से नमन है, होली की हार्दिक शुभकामनाएं एवम बधाई ।
हटाएंसही कहा
जवाब देंहटाएंओंकार जी, आभार सहित, होली की हार्दिक शुभकामनाएं एवम बधाई ।
हटाएंप्रिय जिज्ञासा जी,
जवाब देंहटाएंपुस्तक प्रेमियों के मन की बात को व्यक्त किया है आपने...
भावपूर्ण रचना के लिए बधाइयां और शुभकामनाएं
सस्नेह,
डॉ. वर्षा सिंह
आपका हृदय की गहराईयों से नमन, होली की हार्दिक शुभकामनाएं एवम बधाई ।
जवाब देंहटाएंपुस्तकों के प्रति असीम प्रेम को दर्शाती सुंदर पंक्तियाँ
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत आभार आदरणीया अनीता दीदी, आपको सादर अभिवादन, होली की हार्दिक शुभकामनाएं एवम बधाई ।
हटाएं
जवाब देंहटाएंइस जहाँ की हर नियति ये जानतीं
यूँ कहें संसार होतीं पुस्तकें
वक्त ने इनमें भरी जब कलुषता
कर रही प्रतिकार होतीं पुस्तकें
किताबों की महत्ता दर्शाती खूबसूरत कविता....पुस्तक प्रेमी होने के नाते हर पंक्ति दिल को छू गयी...
विकास जी, आपका बहुत बहुत आभार व्यक्त करती हूं, ब्लॉग पर आपकी उपस्थिति हमेशा मनोबल बढ़ाने का कार्य करती है, आपकी प्रशंसा को सादर नमन , होली की हार्दिक शुभकामनाएं एवम बधाई ।
जवाब देंहटाएंवाह,बहुत ही सुन्दर 👌🌻
जवाब देंहटाएंशिवम जी, आपका बहुत बहुत आभार, होली की हार्दिक शुभकामनाएं एवम बधाई ।
हटाएंबहुत ही सुंदर रचना, सच ज्ञान के भंडार के साथ जीवन की अच्छी साथी भी है हमारी पुस्तक,होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं तुम्हे जिज्ञासा , सदा खुश रहो, शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआदरणीय दीदी,आपकी होली बहुत ही सुंदर और रंगीन हो, इन्हीं शुभकामनाओं के साथ आपका बहुत आभार एवम नमन ।सादर अभिवादन सहित जिज्ञासा सिंह ।
हटाएंबहुत ही सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंरंगों का त्योहार,🏵
लाए जीवन में बहार।🏵🏵🏵
सफलता👑 चूमें आपके द्वार
जगत में फैले कीर्ति अपार।।
स्वस्थता, प्रसन्नता,सौहार्दता लिए यह सौभाग्यशाली,पावन पर्व आपके एवं आपके परिवार में नित प्रेम का रंग फैलाए।
आपको सपरिवार रंग-बिरंगी होली की ढेरों शुभकामनाएँ।
💐💐💐
सधु चन्द्र
इतनी प्यारी और खूबसूरत शुभकामना के लिए बहुत अभिनंदन आपका सधु जी, आपकी सुंदर पंक्तियां मन को छू गईं,आपको भी होली की हार्दिक शुभकामनाएं एवम बधाई हो ।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आदरणीया अनुराधा जी,आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को हार्दिक नमन करती हूं । होली की हार्दिक शुभकामनाएं एवम बधाई ।
जवाब देंहटाएंपुस्तकों की उपयोगिता पर बहुत सुंदर प्रस्तुति। बेहतरीन सृजन।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार वीरेन्द्र जी, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को सादर नमन ।
हटाएंक्त ने इनमें भरी जब कलुषता
जवाब देंहटाएंकर रही प्रतिकार होतीं पुस्तकें
किताबों की महत्ता दर्शाती खूबसूरत...कविता जो मन को छूती है.
बहुत बहुत आभार आदरणीय ,सादर नमन ।
जवाब देंहटाएंBooks are our real friends. Nice poem on Books.
जवाब देंहटाएंCurrent Affairs
Life in a village