आया लोहड़ी का त्योहार
आया लोहड़ी का त्योहार,
हर्षित पूरा है परिवार ।
रंग बिरंगी लड़ियों से है
सजा हुआ सबका घर द्वार ।।
ढूंढ ढूंढ के सूखे सूखे
लकड़ी उपले सजा रहे हैं ।
हाथ सेंकते घूम घूम के
अगिन के फेरे लगा रहे हैं ।।
बजा बजा के ताली गाते
नाचें झूम, मची झनकार ।
आया लोहड़ी का त्योहार ।।
कोई खाए तिल की पपड़ी
कोई मूंगफली की खाय ।
गजक रेवड़ी तरह तरह की
मित्रों को तोहफा दे आय ।।
मम्मी दादी आज बनाएँ
सारे व्यंजन जयकेदार ।
आया लोहड़ी का त्योहार ।।
सुंदरी मुंदरी, दुल्ला भट्टी
कथा सुनाते दादा जी ।
कैसे वीर योद्धा थे वो
हमें बताते बड़े सभी ।।
कहते तुम भी वीर बनो
औ दुश्मन का कर दो संहार ।
आया लोहड़ी का त्योहार ।।
मित्रों औ अपने प्रियजन संग
हम हैं सदा मनाते लोहड़ी ।
एक दिन बाद है आने वाला
प्रिय त्योहार हमारा खिचड़ी ।।
उस दिन भी हम मजे करेंगे
साथ रहेंगे सारे यार ।
आया लोहड़ी का त्योहार ।।
**जिज्ञासा सिंह**
लोहड़ी की हार्दिक शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंलोहड़ी पर सुंदर काव्य सृजन कथा साथ के साथ ।
सुंदर कविता।
आपका बहुत बहुत आभार कुसुम जी 🙏
हटाएंआपको भी लोहड़ी और मकर संक्रांति पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई 💐💐
आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल शनिवार (15-01-2022) को चर्चा मंच "मकर संक्रान्ति-विविधताओं में एकता" (चर्चा अंक 4310) (चर्चा अंक-4307) पर भी होगी!
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार कर चर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
चर्चा में रचना के चयन के लिए आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय शास्त्री जी 🙏
हटाएंआपको सपरिवार लोहड़ी और मकर संक्रांति पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई 💐💐
कोई खाए तिल की पपड़ी
जवाब देंहटाएंकोई मूंगफली की खाय ।
गजक रेवड़ी तरह तरह की
मित्रों को तोहफा दे आय ।।
मम्मी दादी आज बनाएँ
सारे व्यंजन जयकेदार ।
आया लोहड़ी का त्योहार ।।
सादर शुभकामनाएं
आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय दीदी🙏
हटाएंलोहड़ी और मकर संक्रांति पर्व की आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई 💐💐
बहुत सुन्दर !
जवाब देंहटाएंतिल की गज़क और फिर खिचड़ी यानी कि भोग भी और त्याग भी !
त्यौहार हों तो ऐसे हों !
आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय सर🙏
हटाएंआपको लोहड़ी और मकर संक्रांति पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई 💐💐
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंमकर-संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं
आपका बहुत बहुत आभार विनीता जी 🙏
जवाब देंहटाएंआपको सपरिवार लोहड़ी और मकर संक्रांति पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई 💐💐
प्रिय जिज्ञासाजी, लोहड़ी का मनोहारी जीवंत चित्र सजाया आपने रचना में। बचपन से लेकर हमने ऐसे पलों को सालों जिया। अब बचपन जेसे नहीं अपितु औपचारिक लोहड़ी मनाई जाती है तो गली मोहल्लेकेउत्साही लड़कों द्वारा लोगों के उपले,लकड़ी चुराकर गली के बीचोंबीच बड़ा सा गड्ढा खोद कर, उसमें उपले लकड़ी का दहकता स्तूप याद जाता है । कंपकंपाते ठंड में दहकती लोहड़ी का आनंद ही निराला था। बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं लोहड़ी और मकर संक्रांति पर्व की 🌷🌷💐💐
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भावपूर्ण तथा सार्थक प्रतिक्रिया दी है आपने ।बचपन ऐसा ही होता है ।नमन और वंदन ।
हटाएंपूरा चित्र उकेर दिया शब्दों में । सार्थक अभिव्यक्ति ।
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत आभार आदरणीय दीदी । आप को मेरा हार्दिक नमन और बंदन ।
हटाएंबेहतरीन रचना जिज्ञासा जी। हार्दिक शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत आभार अनुराधा जी । रचना की प्रशंसा के लिए आप को मेरा नमन ।
हटाएंमित्रों औ अपने प्रियजन संग
जवाब देंहटाएंहम हैं सदा मनाते लोहड़ी ।
एक दिन बाद है आने वाला
प्रिय त्योहार हमारा खिचड़ी ।।
उस दिन भी हम मजे करेंगे
साथ रहेंगे सारे यार ।
मनमोहक भाव लिए बहुत सुन्दर सृजन जिज्ञासा जी ।
हार्दिक शुभकामनाएँ ।
बहुत-बहुत आभार मीना जी प्रशंसनीय प्रक्रिया के लिए आप को मेरा नमन और बंदन ।
जवाब देंहटाएंआया लोहड़ी का त्योहार,
जवाब देंहटाएंहर्षित पूरा है परिवार ।
रंग बिरंगी लड़ियों से है
सजा हुआ सबका घर द्वार... हार्दिक शुभकामनाएँ आपका।
सादर
बहुत बहुत आभार अनीता जी ।
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना है. अपने जन्मस्थान की लोहड़ी पर मैंने भी एक लेख लिखा था. शायद आपने देखा हो
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका । आपका लेख पढ़ा बहुत रोचक और एक नई जानकारी भरा है ।
जवाब देंहटाएंलोहड़ी पर सुंदर काव्य सृजन जिज्ञासा जी
जवाब देंहटाएंबहुत पता भार संजय भाई ।आपकी प्रशंसा को नमन वंदन करती हूं ।
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