मेरे दुख सुन तू रो जाती,
मेरी खुशी में बिहँसी ।
नदिया तू तो अम्मा जैसी ।।
ऊबड़ खाबड़,कंकर,पत्थर,
खोहों में जब फंस जाऊँ ।
दुर्गम झंझावातों में,
उलझी उनको दिख जाऊँ ।।
अम्मा बिलकुल ऐसे तड़पें
तेरी लहरों जैसी ।
अवघट रस्तों में फंसकर,
मेरे कदम जरा भी फिसलें ।
जैसे सरिता में डूबी वो,
बाहर अंदर तड़पें, निकलें ।।
अम्मा रह रह ऐसे कटतीं,
तेरी कटानो जैसी ।
अपनों के सह व्यंग बाण,
जब उनके हिय लग जाऊँ ।
सागर की धारा में जैसे,
बूंद बूंद घुल जाऊँ ।।
मेरी जुदाई में वो झरतीं,
सूखी रेतों जैसी ।
नदिया तू तो अम्मा जैसी ।।
**जिज्ञासा सिंह**
सुख दुख की साक्षी है नदिया!--बहुत सुंदर!--ब्रजेंद्रनाथ
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार ब्रजेंद्रनाथ जी, आपको मेरा सादर नमन।
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 26 अगस्त 2021 को लिंक की जाएगी ....
जवाब देंहटाएंhttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!
!
आपका बहुत बहुत आभार रवीन्द्र सिंह यादव जी, रचना के चयन के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद, शुभकामनाओं सहित जिज्ञासा सिंह ।
हटाएंबहुत बढ़िया सृजन। शुभकामनाएं आपको।
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत आभार वीरेन्द्र जी,आपकी प्रशंसा को हार्दिक नमन एवम वंदन ।
जवाब देंहटाएंअपनों के सह व्यंग बाण,
जवाब देंहटाएंजब उनके हिय लग जाऊँ ।
सागर की धारा में जैसे,
बूंद बूंद घुल जाऊँ ।।
नदिया अम्मा जैसी!!
सागर के हृदय लगती नदिया और अम्मा के हृदय लगती बेटी
अद्भुत उपमा लाजवाब सजन
वाह!!!
कविता को सार्थक बनाती आपकी प्रशंसा से अभिभूत हूं,आपको मेरा सादर नमन एवम वंदन ।
हटाएंअहा, मन मोह लिया नदिया के ममत्व ने।
जवाब देंहटाएंबहुत आभार प्रवीण जी,प्रशंसा के लिए, आपको मेरा सादर नमन ।
हटाएंबहुत सुन्दर कोमल भाव अच्छी तुलना लिए उत्तम रचना, राधे राधे।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार सुरेंद्र शुक्ला जी,आपको मेरा सादर नमन ।
हटाएंवाह
जवाब देंहटाएंमाँ और नदियाँ एक जैसी
सर्वोत्तम रचना
आपकी टिप्पणी सदैव कविता को सार्थक बना देती है, आपको मेरा सादर नमन एवम वंदन ।
हटाएंसादर नमस्कार,
जवाब देंहटाएंआपकी प्रविष्टि् की चर्चा शुक्रवार (27-08-2021) को "अँकुरित कोपलों की हथेली में खिलने लगे हैं सुर्ख़ फूल" (चर्चा अंक- 4169) पर होगी। चर्चा में आप सादर आमंत्रित हैं।
धन्यवाद सहित।
"मीना भारद्वाज"
आदरणीय मीना जी,नमस्कार !
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार एवम अभिनंदन, हार्दिक शुभकामनाएं एवम बधाई ।
वाह! बहुत ही शानदार और प्यारी रचना!
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार मनीषा जी ।
हटाएंबहुत ही सुंदर हृदयस्पर्श सृजन।
जवाब देंहटाएंसादर
बहुत बहुत आभार अनीता जी, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को हार्दिक नमन एवम वंदन ।
जवाब देंहटाएंवाह! अभिनव व्यंजना सुंदर सृजन , सुंदर कल्पना , सुंदर शब्द सौष्ठव।
जवाब देंहटाएंअभिनव सृजन जिज्ञासा जी।
बहुत बहुत आभार कुसुम जी ।
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