आशा की एक किरण

आशा की बस एक किरण मिल जाए ।
समझो जीवन स्वर्ग सदृश सुन्दर बन जाए ।।

किरणों का ये देश हमारा अपना ही है
चलती प्रतिदिन पुरवा यहाँ हवाएँ ।।
हिम से उतरे कल-कल छल-छल सरिता 
अमृत जैसी श्वेत सौम्य धाराएँ ।।

उस अमृत की एक बूँद मुझको मिल जाए ।
समझो जीवन स्वर्ग सदृश सुन्दर बन जाए ।।

त्योहारों का देश, दशहरा झूम के आता,
नवरातों में जोति, दीप जलते दिवाली ।
चले बसंती हवा, झूम उठता मानव मन,
फूलों से चुन रंग, खेलता निश दिन होली ।।

फूलों का कुछ रंग काश मुझ पर चढ़ जाए ।
समझो जीवन स्वर्ग सदृश सुन्दर बन जाए ।।

भाईचारा रहे, प्रेम का सागर हो जग,
धरती, अंबर, सूर्य, चाँद, तारों का संगम  ।
जुड़ें प्रकृति के साथ, पशूपक्षी बहुतेरे,
इस सृष्टि के लिए, समन्वय करें सदा हम ।।

इस दुनिया में जन्म का ये कारण बन जाए ।
समझो जीवन स्वर्ग सदृश सुन्दर बन जाए ।।

खुशियाँ हों पर्याय सदा मानव के मन की,
तृष्णा दूर भगाने की नीयत हो ।
मोती माणिक भरा हुआ है उदर धरा के,
संरक्षित कर उसे बचाने की कोशिश हो ।।

ऐसे चिंतन से मन की झोली भर जाए ।
समझो जीवन स्वर्ग सदृश सुन्दर बन जाए ।।

**जिज्ञासा सिंह**

12 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर !
    जिज्ञासा, तुम्हारे दिवा-स्वप्न साकार हों, यही प्रार्थना है.

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  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति प्रिय जिज्ञासा जी। सद्भावों से सजी और सांस्कृतिक एकता के दिवास्वप्न सजाती रचना भारतवर्ष के शाश्वत संस्कारों का मधुर गान है। यही दुआ है ये चिन्तन हर मन में बस जाए। सार्थक सृजन के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं आपको।

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  3. नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शनिवार (27 -11-2021 ) को 'भाईचारा रहे, प्रेम का सागर हो जग' (चर्चा अंक 4261) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है।

    चर्चामंच पर आपकी रचना का लिंक विस्तारिक पाठक वर्ग तक पहुँचाने के उद्देश्य से सम्मिलित किया गया है ताकि साहित्य रसिक पाठकों को अनेक विकल्प मिल सकें तथा साहित्य-सृजन के विभिन्न आयामों से वे सूचित हो सकें।

    यदि हमारे द्वारा किए गए इस प्रयास से आपको कोई आपत्ति है तो कृपया संबंधित प्रस्तुति के अंक में अपनी टिप्पणी के ज़रिये या हमारे ब्लॉग पर प्रदर्शित संपर्क फ़ॉर्म के माध्यम से हमें सूचित कीजिएगा ताकि आपकी रचना का लिंक प्रस्तुति से विलोपित किया जा सके।

    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।

    #रवीन्द्र_सिंह_यादव

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  4. आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय रवीन्द्र सिंह यादव जी, चर्चा मंच में रचना के चयंभके लिए आपका हार्दिक धन्यवाद ।मेरी हार्दिक शुभकामनाएं 💐🙏

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  5. आशावादी भावों से भरी सरस व
    सुंदर रचना

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  6. बेहतरीन कृति हेतु साधुवाद आदरणीया ।।।।

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  7. आपका बहुत बहुत आभार पुरुषोत्तम जी ।सादर नमन ।

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  8. आशा और उम्मीद का दामन उन्हें सफल भी करने की प्रेरणा देता है ... बहुत शुभकामनायें ...

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