तुझे मैं एक सलामी दे रही हूँ ।
मेरी हिम्मत, मेरी ताकत, सभी कुछ है तुम्हीं से,
झुका मस्तक तेरे चरणों में गर्वित हो रही हूँ ।।
है टूटा मन और खंडित तार, हर दिल का मेरे भी,
तुम्हें मैं भावना के पुष्प अर्पित कर रही हूँ ।।
जो आँसू गर्व और अभिमान, के निकले मेरे भाई,
वो गंगा जल सी निर्मल धार प्रवहित कर रही हूँ ।।
है दीपक की हर इक ज्योति, तुम्हारी कर्म परिचायक,
मैं दीपों से सुशोभित थाल प्रजलित कर रही हूँ ।।
रहोगे तुम सदा बहते, लहू बन धार धमनी में,
मैं अपनी साँस भी तुमको तिरोहित कर रही हूँ।।
करूँ क्या मैं तुम्हें कुछ, दे नहीं सकती मेरे सैनिक,
ये जीवन, आत्मबल, संबल समर्पित कर रही हूँ ।।
**जिज्ञासा सिंह**
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 12 दिसम्बर 2021 को साझा की गयी है....
जवाब देंहटाएंपाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
बहुत बहुत आभार आदरणीय दीदी,रचना का चयन चर्चा मंच में होना हर्ष का विषय है, आपको मेरा नमन और वंदन 🙏💐
हटाएंजो आँसू गर्व और अभिमान, के निकले मेरे भाई,
जवाब देंहटाएंवो गंगा जल सी निर्मल धार प्रवहित कर रही हूँ ।।
गर्व और अभिमान से नाकले आँसू गंगाजल की धार से पवित्र...
लाजवाब सृजन।
नमन एवं श्रद्धाँजलि शहीदों को।
सराहनीय और प्रशंसनीय प्रतिक्रिया के लिए आपको हार्दिक नमन और वंदन सुधा जी । निरंतर आपके स्नेह कके लिए आपकी तहेदिल से आभारी हूं ।
जवाब देंहटाएंसादर नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार(12-12-21) को अपने दिल के द्वार खोल दो"(चर्चा अंक4276)
पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है..आप की उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी .
--
कामिनी सिन्हा
बहुत बहुत आभार कामिनी जी, चर्चा मंच में रचना को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार एवम अभिनंदन ।मेरी हार्दिक शुभकामनाएं 💐🙏
हटाएंबहुत सुंदर रचना, शहीदों को नमन
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका आदरणीय विनीता जी ।
जवाब देंहटाएंहृदय स्पर्शी श्रृद्धांजलि आँखे नमः करती, सैनिकों को समर्पित भावपूर्ण पंक्तियां ।
जवाब देंहटाएंअप्रतिम।
नमन देश की हुतात्माओं को।
सादर।
आपकी सराहना संपन्न प्रतिक्रिया ने रचना को सार्थक कर दिया । आपको नमन और वंदन ।
हटाएंखूबसूरत भावों से रची रचना ।
जवाब देंहटाएंमिल कर गर्व करें अपने सैनिकों पर । 🙏🙏🙏🙏🙏
बहुत बहुत आभार आदरणीय दीदी 🙏💐
हटाएंजय हिन्द।
जवाब देंहटाएंजय हिंद जय भारत 🙏💐
हटाएंजयहिंद
जवाब देंहटाएंजय हिन्द जय भारत 💐🙏
हटाएंवीरों को शत शत नमन
जवाब देंहटाएंजय हिन्द जय भारत 💐🙏
जवाब देंहटाएंजो आँसू गर्व और अभिमान, के निकले मेरे भाई,
जवाब देंहटाएंवो गंगा जल सी निर्मल धार प्रवहित कर रही हूँ ।।
प्रिय जिज्ञासा जी , अप्रत्याशित शहादत, वो भी एक नहीं कई जाँबाज वीरों की , किसी पाषाण ह्रदय को भी विरह से विगलित कर रही है | इन वीरों की शौर्य गाथा गई जाए या इनके घर-आँगन से ह्रदय को बींधते क्रंदन के शोकगीत लिखें जाएँ समझ नहीं आता | अपार संभावनाओं से भरे इन वीरों को आपकी ये भावांजलि बहुत ह्रदयस्पर्शी है | हुतात्माओं को ह्रदय से नमन | ईश्वर उनके परिवारों को नियति का ये कठोर आघात सहने की शक्ति दे |
इतनी सारगर्भित और सटीक समीक्षा ने कविता को सार्थक कर दिया प्रिय रेणु जी। आपको मेरा नमन और वंदन 💐🙏
हटाएंबहुत ही सराहनीय रचना।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आदरणीय सर💐🙏
जवाब देंहटाएंकरूँ क्या मैं तुम्हें कुछ, दे नहीं सकती मेरे सैनिक,
जवाब देंहटाएंये जीवन, आत्मबल, संबल समर्पित कर रही हूँ ।।
मातृभूमि के गौरव सैनिकों को समर्पित भावभीनी कृति । वीरों को शत शत नमन🙏
बहुत बहुत आभार मीना जी ।
हटाएंनमन।🌼🙏
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार शिवम जी ।
जवाब देंहटाएं