मैं जीवन में नित नए अनुभवों से रूबरू होती हूँ,जो मेरे अंतस से सीधे साक्षात्कार करते हैं,उसी साक्षात्कार को कविता के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास है मेरा ब्लॉग, जिज्ञासा की जिज्ञासा
जी नमस्ते ,आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार(२३-०४ -२०२२ ) को 'पृथ्वी दिवस'(चर्चा अंक-४४०९) पर भी होगी।आप भी सादर आमंत्रित है। सादर
बहुत बहुत आभार प्रिय अनीता जी ।"पृथ्वी दिवस" अंक में मेरे सृजन को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार एवम अभिनंदन।
पर्यावरण संरक्षण को समर्पित सुन्दर पिरामिड़ प्रिय जिज्ञासा जी।शब्द-शिल्प शानदार है।सस्नेह ❤❤
बहुत बहुत आभार आपका प्रिय रेणु जी ।
वाह!जिज्ञासा जी ,बहुत खूब👌
बहुत आभार शुभा जी ।
बहुत सुन्दर
बहुत बहुत आभार आपका ओंकार जी ।
बहुत सुंदर रचना
बहुत बहुत आभार आपका सुमन जी।
वाह!!!बहुत सुन्दर वर्म पिरामिड विश्व पृथ्वी दिवस पर।
बहुत बहुत आभार आपका सुधा जी ।
येमौनआहटविनाश कीप्रकृति नष्ट मानुष तटस्थपरिणाम शापित...(१)स्वस्वरआत्मिकन सुननामनु प्रकृतिदनुज प्रवृतिबोता विनाश बीज ....(२)-----जिज्ञासा जी,आपके सुंदर वर्ण पिरामिड से प्रेरित मेरा भी एक तुच्छ प्रयास।सस्नेह।
वाह वाह बहुत सुंदर ।इतना सारगर्भित प्रयास सखी, इसे तुच्छ न कहें । अपमान होगा प्रतिभा का ।आपकी सृजनात्मकता को नमन ।
जी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार(२३-०४ -२०२२ ) को
'पृथ्वी दिवस'(चर्चा अंक-४४०९) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
बहुत बहुत आभार प्रिय अनीता जी ।
हटाएं"पृथ्वी दिवस" अंक में मेरे सृजन को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार एवम अभिनंदन।
पर्यावरण संरक्षण को समर्पित सुन्दर पिरामिड़ प्रिय जिज्ञासा जी।शब्द-शिल्प शानदार है।सस्नेह ❤❤
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका प्रिय रेणु जी ।
जवाब देंहटाएंवाह!जिज्ञासा जी ,बहुत खूब👌
जवाब देंहटाएंबहुत आभार शुभा जी ।
हटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका ओंकार जी ।
हटाएंबहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका सुमन जी।
हटाएंवाह!!!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर वर्म पिरामिड विश्व पृथ्वी दिवस पर।
बहुत बहुत आभार आपका सुधा जी ।
हटाएंये
जवाब देंहटाएंमौन
आहट
विनाश की
प्रकृति नष्ट
मानुष तटस्थ
परिणाम शापित...(१)
स्व
स्वर
आत्मिक
न सुनना
मनु प्रकृति
दनुज प्रवृति
बोता विनाश बीज ....(२)
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जिज्ञासा जी,
आपके सुंदर वर्ण पिरामिड से प्रेरित
मेरा भी एक तुच्छ प्रयास।
सस्नेह।
वाह वाह बहुत सुंदर ।
जवाब देंहटाएंइतना सारगर्भित प्रयास सखी, इसे तुच्छ न कहें । अपमान होगा प्रतिभा का ।
आपकी सृजनात्मकता को नमन ।