सेंक लो कुछ रोटियाँ
जलता तवा है ।
इस तवे पे सिंक रही
रोटी दवा है ॥
अजनबी से लोग
कल, जो चुप खड़े थे ।
आज वो भी रोटियों
को ले, लड़े थे ॥
बह रही उनके भी
माफ़िक़ कुछ हवा है ॥
सेंक लो कुछ रोटियाँ
जलता तवा है ॥
रोटियाँ ही रोटियों को
खा रही हैं ।
कंठ में अँटकी हुई
कुछ जा रही हैं ॥
दर्द दे जन तंत्र को
करती रवा है ।
सेंक लो कुछ रोटियाँ
जलता तवा है ॥
एक रोटी चाँद जैसी
दूसरी सोने की है ।
तीसरी के द्वार पर
आवाज़ कुछ रोने की है ॥
रोटियाँ अमृत हैं
या होतीं बवा हैं ।
सेंक लो कुछ रोटियाँ
जलता तवा है ॥
**जिज्ञासा सिंह**
जलते तवे पर
जवाब देंहटाएंरोटियाँ भी जलती मिलेंगी
आम जनता को फिर
ये सब सहनी पड़ेंगी
कब तक सहेंगे
अब ये है देखना बाकी ,
आज़ादी के बाद भी
आज़ादी के लिए
शायद लड़ना पड़ेगा
अब तो तवा देख कर
उसे गर्म करना पड़ेगा ।
समसामयिक रचना ।राजनीति में कब कौन रोटी सेक ले क्या पता ।
इतनी सुंदर टिप्पणी के लिए आपका तहेदिल से शुक्रिया आपका आदरणीय दीदी । सादर नमन
हटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा आज गुरुवार 18 अगस्त, 2022 को "हे मनमोहन देश में, फिर से लो अवतार" (चर्चा अंक-4525)
जवाब देंहटाएंपर भी होगी।
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कृपया कुछ लिंकों का अवलोकन करें और सकारात्मक टिप्पणी भी दें।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए आपका हार्दिक आभार और अभिनंदन आदरणीय शास्त्री जी।
हटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंएक रोटी चाँद जैसी
जवाब देंहटाएंदूसरी सोने की है ।
तीसरी के द्वार पर
आवाज़ कुछ रोने की है ॥
रोटियाँ अमृत हैं
या होतीं बवा हैं ।
सेंक लो कुछ रोटियाँ
जलता तवा है ॥
गहन और चिन्तन परक सृजन जिज्ञासा जी ! आपको कृष्ण जन्माष्टमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ एवं बधाई ।
इतनी सुंदर सार्थक प्रतिक्रिया मनोबल बढ़ा गई । बहुत बहुत आभार आपका।
हटाएंसुंदर और सार्थक रचना
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका।
हटाएंबहुत सुंदर सृजन।
जवाब देंहटाएंकृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएँ एवं बधाई ।
बहुत बहुत आभार आपका।
हटाएंये रोटियाँ राजनीति की हैं तो ना ही सींके तो बेहतर।ये दवा भी कुटिल अवसरवादियो के लिए ही हैबाकी तो सबके लिये जीने का माध्यम है।एक सार्थक रचना के लिए बधाई।
जवाब देंहटाएंसार्थक प्रतिक्रिया के लिए आपका बहुत आभार सखी ।
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