सिंहिनी के लाल तुझको है नमन।
शीश पे बाँधे तिरंगे का कफन॥
है नमन है नमन है नमन।
सिंहिनी के लाल तुझ को है नमन॥
तू चढ़े पर्वत, रहे तू कंदरा में,
तू बहे धारा में, उड़ता तू हवा में।
इस धरा की तू संभाले डोर है
हर ख़ुशी तुझसे सुरक्षित है जहाँ में॥
हम तो बस हैं नाम के ही राष्ट्र जन।
है खड़ा चरणों में नतमस्तक वतन॥
ये वतन ये वतन ये वतन।
सिंहिनी के लाल तुझको है नमन॥
तू चला तो चल पड़ा था कारवाँ,
वीरनारी संग बच्चे और माँ।
अश्रु थे सूखे ज़ुबाँ ख़ामोश थी,
तेरे कदमों में झुका था आसमाँ।
दे के क़ुर्बानी बचाया ये चमन।
तेरी यादों में सदा भीगे नयन॥
ये नयन ये नयन ये नयन।
सिंहिनी के लाल तुझको है नमन॥
कर्ज़ हम पर छोड़ कर तू चल दिया,
गर्व करने का हमें है पल दिया।
हम न भूलेंगे तेरे बलिदान को,
ऐ सिपाही देश को नव बल दिया
तुझपे न्योछावर सदा तन और मन।
भारती के वीर धरनी के सजन॥
हाँ सजन हाँ सजन हाँ सजन।
सिंहिनी के लाल तुझको है नमन॥
है नमन है नमन है नमन।
सिंहिनी के लाल तुझ को है नमन॥
**जिज्ञासा सिंह**
सादर नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (15-2-23} को "सिंहिनी के लाल"(चर्चा-अंक 4642) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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कामिनी सिन्हा
चर्चा मंच में रचना को शामिल करने के लिए बहुत बहुत आभार प्रिय कामिनी जी। मेरी हार्दिक शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 16 फ़रवरी 2023 को लिंक की जाएगी ....
जवाब देंहटाएंhttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!
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बहुत बहुत आभार आदरणीय सर।
हटाएंवीर शहीदों को श्रद्धांजलि स्वरूप बहुत ही भावपूर्ण लयबद्ध लाजवाब गीत।
जवाब देंहटाएंबहुत आभार सखी।
हटाएंशहीदों पर बहुत ही सुंदर गीत, जिज्ञासा दी।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार ज्योति जी ।
हटाएंवीर शहीदों के प्रति अतीव सम्मान जगाती अत्यंत सुंदर रचना !
जवाब देंहटाएंबहुत शुक्रिया आदरणीय दीदी।
हटाएंबहुत खूबसूरत भावपूर्ण रचना
जवाब देंहटाएंआपका तहेदिल से आभार भारती जी।
हटाएंसुंदर भावपूर्ण सृजन
जवाब देंहटाएंआभार संग अभिनंदन।
जवाब देंहटाएंभारतीय सेना को सादर नमन
जवाब देंहटाएंसिंहिनी के लाल तुझको है नमन॥
जवाब देंहटाएंहै नमन है नमन है नमन।
सिंहिनी के लाल तुझ को है नमन॥
पुलवामा के शहीद सैनिकों के सम्मान मे भावपूर्ण कृति ।