आया फागुन झूम के, पवन बही रसधार।
चूनर धूमिल ज्यों उड़ी, रंग गई रंग हजार॥
सुरभि आम के शीश पर, सजा रही है मौर।
गजमुक्तक सा है खिला, रंग सुनहरा बौर॥
जली होलिका धूम से, गाओ प्रियवर फाग।
ढोल-मज़ीरा संग में, सात सुरों का राग॥
होला-गादा भूनते, होली में होरियार।
पूजन कर के खा रहे, भागे सभी बुख़ार॥
सरसों का उबटन मला, मला रगड़कर तैल।
जला होलिका मध्य सब,तन-मन-धन का मैल॥
होली में घर आ गये, दूर बसे परिवार।
लाए हैं सबके लिए, प्रेम पगे उपहार॥
कोयल गाती गीत मधु, गाए फाग बसन्त।
आस देखती प्रेयसी, कब आयेंगे कंत॥
इंद्रधनुष के रंग में, रंगी धरा चहुँओर।
होली के उल्लास से, बचा न कोई छोर॥
गुझिया घर-घर बन रही, पापड़ औ नमकीन।
ठंढाई संग ले मज़ा, खाते सब शौक़ीन॥
रंग और उल्लास का, होली है त्योहार।
आपस में सद्भाव संग, देना सबको प्यार॥
**जिज्ञासा सिंह**
रंग और उल्लास का, होली है त्योहार।
जवाब देंहटाएंआपस में सद्भाव संग, देना सबको प्यार॥
बहुत सुंदर संदेश,आपको भी होली की हार्दिक शुभकामनायें जिज्ञासा जी
बहुत बहुत आभार आपका कामिनी जी।
हटाएंबहुत रंग बिखेरे है आपने होली के अपनी इस रचना के माध्यम से
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति
आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएं
बहुत आभार कविता जी।
हटाएंहोली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई।
रंगोत्सव का सुंदर,मनमोहक चित्रण।
जवाब देंहटाएंसस्नेह बधाई जिज्ञासा जी।
जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना शुक्रवार ३ मार्च २०२३ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
रचना के चयन के लिए बहुत आभार आपका श्वेता जी।
हटाएंसपरिवार आपको होली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई💐💐
आदरणीया मैम, सादर प्रणाम। आपकी रचना मन को आनंदित कर गयी । आपको होली की अनेकों शिभकामनाएँ। कोरोना काल के बाद पहली होली अपने आप में विशेष है, आशा इस इस होली में सब के दुख और शोक धूल जाएं और जीवन पुनः रंगीन हो। हार्दिक आभार इस उमंग भरी रचना के लिए और आपको पुनः प्रणाम ।
जवाब देंहटाएंबहुत आभार और प्यार प्रिय अनंता।
हटाएंसपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई💐💐
आदरणीया मैम, आपसे अनुरोश है मवरे ब्लॉग और आ कर अपना आशीष दीजिये। एक नई रचना चल मेरी डायरी ब्लॉग पर डाली है। आपके स्नेहिल आशीष और प्रोत्साहन की प्रतीक्षा रहती है।
हटाएंसुंदर रचना
जवाब देंहटाएंमोहित कर गए इसके शब्द
आभार
सादर
बहुत आभार आपका।
हटाएंसपरिवार आपको होली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई💐💐
होली के उत्सव पर अति मनमोहक रचना, अग्रिम शुभकामनाएँ !
जवाब देंहटाएंबहुत आभार आपका।
हटाएंसपरिवार आपको होली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई💐💐
होली पर बहुत ही सुंदर गीत जिज्ञासा दी।
जवाब देंहटाएंक्या बात है प्रिय जिज्ञासा।होली पर उल्लास भरी आत्मा का मुक्त गान।सच है होली के दिन अनायास चहुँ ओर उमंग का नया वितान तान कर जीवनको उल्लास और उत्साह से सराबोर कर देते हैं।बहुत बहुत बधाई हो इस सुन्दर प्रस्तुति के लिए।होली की बधाई और शुभकामनाएं स्वीकार करें।सपरिवार आनन्द से रहें यही कामना है ❤❤🌹🌹💖🎉🎉🎁
जवाब देंहटाएंइंद्रधनुष के रंग में, रंगी धरा चहुँओर।
जवाब देंहटाएंहोली के उल्लास से, बचा न कोई छोर॥
वाह!!!
होली सी उमंग और उल्लास से भरी बहुत सुंदर रचना ।
सुंदर पंक्तियाँ। होली की हार्दिक शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना सोमवार 6 मार्च 2023 को
जवाब देंहटाएंपांच लिंकों का आनंद पर... साझा की गई है
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
संगीता स्वरूप
जवाब देंहटाएंइंद्रधनुष के रंग में, रंगी धरा चहुँओर।
होली के उल्लास से, बचा न कोई छोर॥
होली के रंगों और मिठाइयों की मिठास में डूबी अत्यंत सुन्दर भावाभिव्यक्ति । रंगोत्सव पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ जिज्ञासा जी।
रंगो के पर्व पर रंगों से सराबोर सार्थक सृजन जिज्ञासा जी सुंदर दोहे।
जवाब देंहटाएंरंगोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं।
होली पर जबरदस्त दोहे. वाह.
जवाब देंहटाएंइंद्रधनुष के रंग में, रंगी धरा चहुँओर।
जवाब देंहटाएंहोली के उल्लास से, बचा न कोई छोर॥
वाह!!!
बहुत ही सुंदर ...होली के रंगों से सरोवार
लाजवाब सृजन।
होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं आपको ।
बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंरंगपर्व की हार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंकोयल गाती गीत मधु, गाए फाग बसन्त।
आस देखती प्रेयसी, कब आयेंगे कंत॥
इंद्रधनुष के रंग में, रंगी धरा चहुँओर।
होली के उल्लास से, बचा न कोई छोर॥
गुझिया घर-घर बन रही, पापड़ औ नमकीन।
ठंढाई संग ले मज़ा, खाते सब शौक़ीन॥
रंग और उल्लास का, होली है त्योहार।
आपस में सद्भाव संग, देना सबको प्यार॥
वाह…बहुत सुन्दर रचना👌👌