चित्र -साभार गूगल
बंद कमरे में घंटों गेम खेलने के बाद,
अचानक एक तेज़ अवाज़ आई ।
दरवाज़ा पीटते हुए माँ,
ग़ुस्से में ज़ोर से चिल्लाई ।।
मैं भी अपने को सच साबित करते हुए,
उतनी ही ज़ोर से चिल्लाया ।
क्यों चीख़ती हो माँ ? एक मिनट रुको,
बस अभी आया ।।
इतना सुनते ही माँ,
झिड़ककर बोली ग़ुस्से में ।
बेटा एक मिनट की क़ीमत समझो,
वरना कुछ भी नहीं बचेगा तुम्हारे हिस्से में ।।
ये गेम ये फ़ोन ये टीवी,
तुम्हारे साथी जब से बने हैं ।
हम सब तुम से दूर हो रहे और
लगता है ये ही तुम्हारे अपने हैं ।।
एक एक मिनट कर तुमने,
सालों गँवा दिया है ।
इनके चक्कर में अपना सब कुछ
दाँव पर लगा दिया है ।।
आओ ! ज़रा एक मिनट की क़ीमत,
समझाती हूँ तुम्हें मैं ।
जब छूटेगी ट्रेन तुम्हारी मिनट की देरी पर,
समझोगे तब मिनट की क़ीमत क्या है ?
पूँछो एक्सिडेंट पीड़ित के बहते,
ख़ून से एक मिनट की क़ीमत ।
धड़कता हुआ दिल थम जाता है,
मौत नहीं देती मोहलत ।।
लहरों पे मचलती हुई नाव,
एक मिनट में डूब जाती है रसातल में ।
कीचड़ में पैर रखोगे बिना सोचे समझे,
तो एक मिनट में फँस जाओगे गहरे दलदल में ।।
एक मिनट में पड़ा लकवा,
जीवन भर के लिए बना देता है अपाहिज ।
इसलिए कहती हूँ एक मिनट की,
क़ीमत भूलना नहीं हरगिज़ ।।
एक मिनट में ही तुमने,
जन्म लिया था इस ज़मीं पर ।
और आज ज़ाहिलों की तरह,
चिल्लाते हो हमीं पर ।।
बेटा ये एक मिनट ही तुम्हारे,
जीवन का आधार बनेगा एक दिन ।
कुछ नहीं बन पाओगे,
मिनट की क़ीमत किए बिन ।।
अतः कहती हूँ समय के साथ,
चलना सीख जाओ अब ।
पछताओगे उस दिन,
ये एक मिनट साथ छोड़ जाएगा जब ।।
समय और यौवन लौटता नहीं,
एक बार बीत जाने के बाद ।
वक़्त पर क़ीमत नहीं की जिसने इनकी,
कभी हो नहीं पाता वो आबाद ।।
**जिज्ञासा**
Value of time is described in a fantastic way with emotions!
जवाब देंहटाएंप्रशंसा के लिए आपको धन्यवाद...सादर नमन...।
हटाएंआपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज मंगलवार 24 नवंबर नवंबर नवंबर 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंमेरी रचना शामिल करने के लिए दिव्या जी आपका बहुत बहुत आभार..।
हटाएंआपको मेरा सादर अभिवादन...।
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 25 नवंबर 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
धन्यवाद पम्मी जी, "पांच लिंकों का आनन्द" मंच पर मेरी कृति प्रस्तुत करने के लिए आपका हार्दिक अभिनंदन है ..सादर..जिज्ञासा..।
हटाएंशुभकामनाएं बेटे के लिये उसके जन्मदिन पर।
जवाब देंहटाएंजोशी जी नमस्कार,आप बड़ों का आशीर्वाद बच्चों को हमेशा मिलता रहे।और वो जीवन में आगे बढ़ते रहें।ईश्वर से यही प्रार्थना है..।
हटाएंमैं भी अपने को सच साबित करते हुए,
जवाब देंहटाएंउतनी ही ज़ोर से चिल्लाया ।
क्यों चीख़ती हो माँ ? एक मिनट रुको,
बस अभी आया ।।
सचमुच आजकल बच्चों का यही हाल है एक मिनट एक मिनट कहते कहते घंटों खराब कर देते हैं ...
समय की सही कीमत समझाती लाजवाब भावाभिव्यक्ति
वाह!!!
आपकी टिप्पणी हमेशा बहुत ही प्रेरित करती है।अपना स्नेह बनाए रखें।
हटाएंसादर नमन...।
समय का महत्व बहुत ही अच्छे से समझाया आपने। बवते को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंज्योति जी जवाब अलग प्रकाशित हो गया है।कृपया क्षमा करें।
हटाएंसुन्दर अर्थपूर्ण रचना - - समय का मूल्य दर्शाती हुई, बेटे के जन्म दिन पर उन्हें असंख्य शुभकामनायें व आशीर्वाद - - नमन सह
जवाब देंहटाएंशान्तनु जी नमस्कार, आपकी सराहनीय प्रशंसा का स्वागत है ।आप लोगों के स्नेह और आशीर्वाद को बेटे तक पहुँचा दिया है।बेटे ने ही मुझे ब्लॉग पर आने के लिए प्रेरित किया ।सादर..।
हटाएंजी धन्यवाद ज्योति जी, आपकी प्रेरणात्मक प्रशंसा से अभिभूत हूँ ।आपका आशीष और स्नेह बच्चे पर सदा बना रहे..।सादर नमन..।
जवाब देंहटाएंसत्य कथन
जवाब देंहटाएंअनिता जी आपका बहुत बहुत आभार..।नमन सह...।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंधन्यवाद अनुराधा जी,
जवाब देंहटाएंआशा करती हूँ ,आपका स्नेह बना रहेगा..।सादर अभिवादन..।
बेहतरीन रचना...
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार शरद जी ,सादर नमन..।
जवाब देंहटाएंवर्तमान समय में घटित हो रहा हमारे आसपास की एक जीवंत कविता शुभकामनाएँ जिज्ञासा जी
जवाब देंहटाएंहृदय से आभार व्यक्त करती हूँ सधु जी..।सादर नमन..।
जवाब देंहटाएंजिज्ञासा जी, ये आजकी सभी माओं का दर्द है। पर आत्म मुग्ध बच्चे सुनते कहाँ है?
जवाब देंहटाएंमाँ बेटे का संवाद, जो कहानी घर घर की है।
बहुत बहुत आभार आपका रेणु बहन ,सच है कि आजकल बच्चों को समझाना बड़ा कठिन होता जा रहा है, ये तो बिलकुल सच है कि हर माँ कहीं न कहीं ,चाहे थोड़ा ही ,इस समस्या से पीड़ित है..।सादर नमन..।
हटाएंबेटे को जन्म दिन पर ढेरों स्नेहाशीष। आपको भी हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई🙏 ❤🌹❤🌹
जवाब देंहटाएंहृदय से आपका आभार व्यक्त करती हूँ,बेटे की तरफ़ से आपको प्रणाम...।
जवाब देंहटाएंबेटे को मेरा हार्दिक स्नेह जिज्ञासा जी। आप जैसी विनम्र रचनाकार से ब्लॉग जगत में परिचय एक सौभाग्य है। हार्दिक शुभकामनाएं 🙏।
जवाब देंहटाएंआपकी प्रशंसा का दिल से स्वागत करती हूँ ।आपको मेरा नमन..।
जवाब देंहटाएं❤❤🌹🌹😋
जवाब देंहटाएं