क्षणिकाएं ( मान्या सिंह को समर्पित)

खून पसीना आँसू 
का एक धांसू 
मिश्रण हूँ मैं 
अपने को अर्पण हूँ मैं 

धोखा दर्द दुःख 
के सम्मुख 
दीवार हूँ मैं 
अपनी पतवार हूँ मैं 

दिल आत्मा मन 
के मिलन 
का ठिकाना हूँ मैं 
अपने आप में एक नजराना हूँ मैं 

बेबसी बेदर्दी बेकसी 
को दूर 
करने को मजबूर हूँ मैं 
अपनी आँखों का नूर हूँ मैं 

गरीबी भुखमरी लाचारी 
या बेरोजगारी 
से नहीं हारी हूँ मैं 
मन की राजकुमारी हूँ मैं 

तन मन धन 
का आकलन 
करती धुरी हूँ मैं 
अपने आप में संपूर्ण और पूरी हूँ मैं 

युग काल समय 
का विलय 
संजोती संरचना हूँ मैं 
सृष्टि की अद्भुत रचना हूँ मैं 

परिवार रिश्ते नाते 
को निभाते 
सब पे भारी हूँ मैं 
आत्मविश्वासी नारी हूँ मैं 

**जिज्ञासा सिंह**

34 टिप्‍पणियां:

  1. वाह जिज्ञासा जी ! बहुत अच्छा प्रयास किया आपने । बड़ी प्रभावी क्षणिकाएं हैं ये तो ।

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    1. उत्साहवर्धक प्रशंसा के लिए बहुत बहुत आभार आपका जितेन्द्र जी, सादर नमन ...

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    1. आपका बहुत बहुत आभार यशवंत जी, प्रशंसा के लिए आपका हृदय से आभार..

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    1. आदरणीय शास्त्री जी, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया का हृदय तल से नमन करती हूँ..सादर अभिवादन..

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  4. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (२१-०२-२०२१) को 'दो घरों की चिराग होती हैं बेटियाँ' (चर्चा अंक- ३९८४) पर भी होगी।

    आप भी सादर आमंत्रित है।
    --
    अनीता सैनी

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    1. प्रिय अनीता जी, मेरी रचना को चर्चा अंक में स्थान तथा मान देने के लिए बहुत शुक्रिया..सादर शुभकामनाएँ..

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  5. बहुत सुन्दर,लाजवाब क्षणिकाएँ ।

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  6. बहुत बहुत आभार मधूलिका जी, प्रशंसनीय प्रतिक्रिया के लिए आपका हृदय से नमन...

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  7. आज की नारी की यही पहचान है। सुंदर सृजन के लिए आपको बधाई।

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    1. वीरेन्द्र जी, उत्साहित करती आपकी सुन्दर प्रतिक्रिया को नमन करती हूँ..

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  8. किसी की उपलब्धि पर प्रसन्न हो ऐसी रचना लिख उसे ही समर्पित करना , मन को भा गया । आपके भी उन्नति के मार्ग प्रशस्त रहें । भावपूर्ण सुंदर प्रस्तुति

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    1. आदरणीय संगीता दीदी, आप जैसे विद्वज्जन की इतनी स्नेहपूर्ण, उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया से अभिभूत हूँ..आपको मेरा हृदय से नमन एवं वंदन..

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  9. आत्मविश्वास से परिपूर्ण व्यक्तित्व के लिए सुन्दर भाव की क्षणिकाएँ!!

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  10. आपका बहुत-बहुत आभार ऋता शेखर जी, ब्लॉग पर आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया का हृदय से अभिनंदन करती हूँ..सदैव स्नेह बनाए रखें आपको मेरा सादर अभिवादन..

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  11. वाह ज‍िज्ञासा जी , मान्या स‍िंंह ने अब उन बेट‍ियों के ल‍िए मील का पत्थ्ज्ञर सेट कर द‍िया है जो अभावों के कारण अपना मसोस लेती रही हैं...बेहतरीन क्षण‍िकायें

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    1. बिल्कुल सही कहा आपने अलकनंदा जी, आपकी सराहनीय प्रतिक्रिया को हृदय से नमन करती हूँ..

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  12. "मान्या सिंह" अभावग्रस्त लड़कियों के लिए प्रेरणा है क्योँकि जिस राह को उसने चुना कहते है वहां अमीरो का कब्जा है।
    मान्या सिंह को सपर्पित बहुत ही सुंदर सृजन,सादर नमन जिज्ञासा जी

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  13. कामिनी जी, आपकी प्रशंसा ने रचना का मान बढ़ा दिया..हृदयतल की गहराईयों से आपका आभार व्यक्त करती हूँ..

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  14. प्रिय जिज्ञासा जी, निसंदेह मान्या सिंह ने जो उपलब्धि हासिल की है उसे शब्दों में पिरोना कठिन है। अभावों से जुझकर एक ऐसी दुनिया में पहचान बनाना जहाँ चकाचौंध और पैसा बोलता है, अपने आप में छोटी बात नहीं। अपनी साँवली सूरत से दैहिक सौंदर्य से ज्यादा अपनी मेधा का लोहा मनवाने वाली भारत की बेटी को सलाम। बहुत अच्छा लिखा आपने ❤❤🙏🌹🌹

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    1. प्रिय रेणु जी, आपकी सुन्दर और स्वस्थ व्याख्या रचना को पूर्णता प्रदान कर गई..आपकी प्रशंसनीय टिप्पणी का हृदय से आदर एवं वंदन करती हूँ..सादर नमन..

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  15. परिवार रिश्ते नाते
    को निभाते
    सब पे भारी हूँ मैं
    आत्मविश्वासी नारी हूँ मैं 👌👌👌👌

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  16. बहुत बहुत आभार प्रिय सखी..आपको नमन..

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  17. आत्म विश्वास और स्वाभिमान से पूर्ण लघु रचनाएं जो अपने आप में पूर्णता लिए है ।
    सुंदर सृजन।

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  18. आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया हमेशा उत्साहवर्धक होती है..आभार सहित नमन..

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  19. मधुर मुक्ताओं को अति सुन्दरता से पिरोया है जिनकी चमक नैनाभिराम है । अति सुन्दर कथ्य और शिल्प ।

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  20. आपकी प्रशंसनीय टिप्पणी मेरे मन को आह्लादित कर गई आपका बहुत-बहुत शुक्रिया प्रिय अमृता जी..

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  21. बहुत ही खूबसूरती से एक, एक शब्द को रोया है आप ने आदरणीय मैम!🙏💕🙏💕

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  22. आप से निवेदन है,कि हमारी कविता भी एक बार देख लीजिए और अपनी राय व्यक्त करने का कष्ट कीजिए आप की अति महान कृपया होगी
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  23. आपकी सुन्दर कविता मैंने पढ़ी ..बाल विवाह बहुत ही सारगर्भित और चिंतनीय विषय हैं आप लिखते रहो धीरे धीरे प्रवाह मिलता रहेगा..मेरी शुभकामनाएँ..प्रिय मनीषा..

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  24. क्या बात है...दमदार बहुत बढ़िया...काफी कुछ कह दिया आपने !

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  25. बहुत आभार संजय जी, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को सादर नमन..

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