कुछ महिलाएं - ( महिला दिवस )

 


कुछ महिलाएं
बहनें और माताएं
देतीं जीवन भर सेवाएं
सुघड़ गृहणी कहलाएं

कुछ पढ़ी लिखी नारी
करतीं दिन भर नौकरी
साथ में घर की चाकरी
कंधे से कंधा मिला कर रहीं बराबरी

गांव की कुछ मेहरारू
कमर पे लादे मुन्ना,मुन्नी,गौरी,झबरू
संभालती खेत खलिहान,घर द्वार,इज्जत आबरू
कहलातीं धीर गंभीर गरू

एक और जात है स्त्री 
बड़ी कलाकार,हुनरमंद मिस्त्री
अदाकार अभिनेत्री
घर में बनी ठनी सावित्री

दिखती है यहाँ वहाँ वो औरत
नानी, दादी, माँ जैसी सूरत
कैसी भी हो लगती बड़ी खूबसूरत
भावों भरी ममता की मूरत

अरे हां तुम भी तो हो वनिता
विदुषी, प्राज्ञी, पुनीता
देवी,दुर्गा,गौरा,सीता
धारण करती रामायण और गीता

सुंदर गंभीर रमणी
त्याग,दया,क्षमा,करुणा की जननी
नहीं चाहिए हीरे मोती और मणी
अपने में खुश जीवन मुल्यो की धनी

महान देश की महान सबलाएं
कही गईं अबलाएं
पर घर से रण तक अपनी प्रतिभा दिखलाएं
उनके आगे नतमस्तक हो, हम शीश नवाएं
 
सभी को महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
*************************

**जिज्ञासा सिंह**

43 टिप्‍पणियां:

  1. हर नारी इतनी सक्षम है तभी न घर की धुरी कहलाती है ।।बिना इसके सब कुछ अस्त व्यस्त हो जाये । सुंदर प्रस्तुति ।

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    1. बहुत बहुत आभार आदरणीय दीदी,आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को हृदय से लगा लिया है एवम आभारी हूं..आपको मेरा सादर नमन है ..

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  2. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शनिवार 06 मार्च 2021 को साझा की गई है........."सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    1. आदरणीय दिग्विजय अग्रवाल जी ,नमस्कार !
      मेरी रचना को "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में"शामिल करने के लिए आपका हार्दिक आभार व्यक्त करती हूं..सादर शुभकामनाओं सहित जिज्ञासा सिंह ..

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  3. महान देश की महान सबलाएं
    कही गईं अबलाएं
    पर घर से रण तक अपनी प्रतिभा दिखलाएं
    उनके आगे नतमस्तक हो, हम शीश नवाएं

    बेशक़....

    महिलाओं को समर्पित बहुत सुंदर कविता

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  4. वर्षा जी, आपकी हृदयाग्रही टिप्पणी को नमन है ..सादर शुभकामनाओं सहित जिज्ञासा सिंह..

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  5. महान देश की महान सबलाएं
    कही गईं अबलाएं
    पर घर से रण तक अपनी प्रतिभा दिखलाएं
    उनके आगे नतमस्तक हो, हम शीश नवाएं

    बहुत सुंदर रचना...🌹🙏🌹

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    1. आपका बहुत बहुत आभार शरद जी ,आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को हृदय से नमन करती हूं..

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  6. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (07-03-2021) को    "किरचें मन की"  (चर्चा अंक- 3998)     पर भी होगी। 
    -- 
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। 
    --  
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ-    
    --
    सादर...! 
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 
    --

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    1. आदरणीय शास्त्री जी ,नमस्कार !
      मेरी रचना को चर्चा अंक में शामिल करने के लिए आपका हार्दिक आभार व्यक्त करती हूं..आपको मेरा सादर नमन है ..शुभकामनाओं सहित जिज्ञासा सिंह..

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  7. जिज्ञासा जी आपकी लेखनी का तो जबाब नही जितनी प्रसंसा की जाय कम है।💐💐

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  8. आदरणीय उर्मिला जी, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को हार्दिक नमन करती हूं..ब्लॉग पर आपकी उपस्थिति का हृदय से आदर करती हूं.सादर शुभकामनाएं..

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    1. बहुत बहुत आभार आपका अनीता जी, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को हृदय से नमन करती हूं..सादर ..

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  10. उत्तर
    1. शांतनु जी, आपका बहुत बहुत आभार व्यक्त करती हूं ब्लॉग पे आपकी प्रशंसा हमेशा मनोबल बढ़ाती है..सादर नमन ..

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  11. सुन्दर, सार्थक और समयोचित सृजन। अपको बधाई और शुभकामनाएं।

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    1. वीरेंद्र जी आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को सादर नमन करती हूं..ब्लॉग पर आपके स्नेह की आभारी हूं..सादर नमन..

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  12. बहुत सुंदर व सार्थक कविता। अद्भुतव भावपूर्ण सृजन। प्रणाम स्वीकार करें 🙏

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  13. बहुत बहुत आभार अरविंद जी, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को हृदय से नमन करती हूं, ब्लॉग पर आपकी उपस्थिति का हृदय से स्वागत करती हूं..सादर..

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  14. वाह !!
    बहुत खूब !! नारी की खूबियों को बहुत खूबसूरती से उकेरा है आपने जिज्ञासा जी । सुन्दर सराहनीय सृजन

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    1. आदरणीय मीना जी, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया हमेशा मनोबल बढ़ाने का कार्य करती है, आपकी सुंदर प्रशंसा को हृदय से नमन करती हूं..सदैव स्नेह बनाए रखें..सादर..

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  15. मुझे आज तक समझ नहीं आया कि दुनिया की आधी आबादी के लिए सिर्फ एक दिन क्यों मुक़र्रर किया गया है ! वे भी इसका विरोध क्यों नहीं करतीं

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    1. गगन जी आपके कथन से मैं पूर्णतः सहमत हूं..शायद महिला दिवस का महिलाएं इसलिए विरोध नहीं करतीं कि कम से कम इसी दिन दुनिया में लोग इनको आदर दें और कुछ इनकी सुने हालांकि आजकल काफी बदलाव हो रहा है,परंतु वो पर्याप्त नहीं है..ब्लॉग पर आपकी टिप्पणी के लिए विशेष आभार ..

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  16. बहुत अच्छी क्षणिकाएं हैं ये जिज्ञासा जी । इनका मोल तो सनातन है, केवल एक दिन हेतु नहीं । हृदय से अभिनन्दन करता हूं आपका ।

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  17. आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रियायें हमेशा मनोबल बढ़ाने का कार्य करती है ..आपके स्नेहसिक्त भावों का हृदयतल से अभिनंदन है..सादर नमन..

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  18. पर घर से रण तक अपनी प्रतिभा दिखलाएं
    उनके आगे नतमस्तक हो, हम शीश नवाएं

    एकदम सटीक

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  19. ब्लॉग पर आपकी टिप्पणी देखकर मन खुश हो गया..आपको महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं एवम सादर नमन..

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  20. वाह!बहुत सुंदर...औरतें होती ही ऐसी है प्रकृति की छाँव सी।
    हर किसी का ठहरने का मन होता है।
    सादर

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  21. बहुत ही सुंदर और भाव भरी टिप्पणी को हृदय से लगा लिया है प्रिय अनीता जी ,सादर नमन..

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  22. नारी की बहुत प्यारी - प्यारी छवियाँ संजोयी आपने जिज्ञासा जी| नारी के सभी रूप अपने आप में विशेष हैं | ममतामयी , करुणामयी , दया , प्रेम और स्नेह से भरी नारी का कोई भी रूप आम कैसे हो सकता है ? बहुत अच्छा लिखा आपने | सस्नेह शुभकामनाएं और बधाई हमारे नाम एक दिन के लिए | |

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  23. आपका तहेदिल से शुक्रिया एवम आभार .. आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को हृदय से नमन करती हूं..सादर शुभकामनाएं ..

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  24. महान देश की महान सबलाएं
    कही गईं अबलाएं
    पर घर से रण तक अपनी प्रतिभा दिखलाएं
    उनके आगे नतमस्तक हो, हम शीश नवाएं

    बहुत सुंदर क्षणिकाएँ....

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  25. विकास जी आपका बहुत बहुत आभार..प्रशंसनीय टिप्पणी और ब्लॉग पर आने के लिए शुक्रिया..

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  26. एकदम सटीक महिलाओं को समर्पित बहुत सुंदर कविता

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  27. आपका बहुत बहुत आभार व्यक्त करती हूं, ब्लॉग पर आपकी प्रशंसा हमेशा मनोबल बढ़ाने का कार्य करती है..सादर अभिवादन..

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  28. महिला दिवस पर अति सुंदर रचना, शुभकामनाएँ

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  29. महान देश की महान सबलाएं
    कही गईं अबलाएं
    पर घर से रण तक अपनी प्रतिभा दिखलाएं
    उनके आगे नतमस्तक हो, हम शीश नवाएं
    नारी एक रूप अनेक
    और सभी रूपों कोसंजों दिया आपने अपनी इस सुन्दर रचना में...
    बहुत ही लाजवाब सृजन।

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  30. बहुत ही सुन्दर सार्थक रचना

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  31. प्रिय जिज्ञासा, आज बहुत दिन बाद आपके ब्लॉग पर आना हुआ! बहुत सुन्दर प्रस्तुति है! जो कहना चाहती हूं पहले भी कह चुकी! नारी जीवन अपने आप में विशेष है । हम कितना परिभाषित कर लें कम होगा। गांव की बूढ़ी काकी, नानी,दादी से लेकर विमान उड़ा रही ऊर्जावान रमणी हर रूप वंदनीय है।सभी को महिला दिवस की हार्दिक बधाई ।ढेरों प्यार और शुभकामनाएँ ❤️

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