मेरी मां के अद्भुत रूप

वह गीता पढ़तीं  
रामायण पढ़तीं 
मुझे सुनातीं
समझातीं 

सुंदर प्रसंग
कृष्ण और राम के भिन्न भिन्न और अदभुत रंग
वह दुर्गा शप्तशती पढ़तीं 
मां दुर्गा को जीवन में धारण करतीं

दया क्षमा करुणा की छाया लगतीं
कटुता कलुषता में जब वो घिरतीं
दुर्गा का अवतार धरतीं 
और उठातीं 

 तीर धनुष
लगा देतीं अंकुश 
हिल नही पाता कोई सहसा
जब उनका उठता फरसा

तलवार बरछी कृपाण भी चलातीं वो
हर किसी को धाराशायी कर जातीं वो
उस के इस रूप से 
रौद्र रूप से

सहम जाते
अक्सर उन्हें ये कहता हुआ पाते
कि मां दुर्गा के नव अवतार
हमें देते हैं सारे अधिकार

सिखाते हैं अपनी सुरक्षा
दीक्षा 
देकर
कहते हैं कि ऐसे जीवन का अधिग्रहण कर

ऐ स्त्री !
तू है अनंता, तू ही धरित्री
तेरे गर्भ में संसार का हर वो सृजन है
जिससे फलता फूलता जीवन है

जग की सारी ऋतुएं तेरे कोख की देन है
तुझसे ही सृष्टि की अमरता है,जगत का कुशलक्षेम है
तू अपने को कमतर मत समझ 
कमर कस 

तुझे हराना बड़ा कठिन होगा
करना उसे बड़ा जतन होगा
जो तेरे समक्ष आएगा
एक बार सोचेगा फिर टकराएगा
क्योंकि तेरी हथेली में ही वो शक्ति है
जिससे मानव सभ्यता की अप्रतिम मुक्ति है ।।

**जिज्ञासा सिंह**

33 टिप्‍पणियां:

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  2. बहुत सुन्दर और सदाबहार रचना।
    जय हो माता जी की।

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    1. आदरणीय शास्त्री जी, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को हार्दिक नमन एवम वंदन करती हूं, सादर अभिवादन, जिज्ञासा सिंह ।

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  3. सादर नमस्कार ,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (13-4-21) को "काश में सोलह की हो जाती" (चर्चा अंक 4035) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    --
    कामिनी सिन्हा

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  4. कामिनी जी, नमस्कार !
    मेरी रचना को चर्चा अंक में शामिल करने के लिए आपका हार्दिक आभार एवम अभिनंदन, सादर शुभकामनाओं सहित जिज्ञासा सिंह ।

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  5. नूतनवर्षाभिनंदन...
    नवीन वर्ष के नूतन पल से माँ अम्बे सबका कल्याण करे...

    जगतनियन्ता सबको शांति, स्वास्थ्य एवं समृद्धि प्रदान करे...

    शक्ति आराधना पर्व चैत्र नवरात्रि पर माँ दुर्गा की स्नेहदृष्टि आप सब पर बनी रहे

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    1. आपको नववर्ष तथा नवरात्रि के पावन अवसर पर सादर सप्रेम हार्दिक शुभकामनाएं एवम बधाई ।

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  6. माँ की शक्तियों का सुंदर वर्णन, नवरात्र पर हार्दिक शुभकामनाएं जिज्ञासा जी !

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    1. आदरणीय दीदी,आपका बहुत बहुत आभार व्यक्त करती हूं,नववर्ष तथा नवरात्रि के पावन अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं एवम बधाई...जिज्ञासा सिंह ।

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  7. बहुत सुन्दर मां के अनेक रूप होतें हैं बस देखने के लिये आंखे समझने के लिये ह्रदय चाहिए। मां दुर्गा की असीम कृपा आप पर बनी रही। नवरात्रि,नव वर्ष की शुभकामनाएं।

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    1. आदरणीय उर्मिला दीदी, आपके आशीर्वाद को प्रणाम करती हूं,नववर्ष और नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं ।सादर नमन ।

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  8. बहुत सुन्दर !
    काश कि माँ के व्यक्तित्व-कृतित्व की छाया उनकी पुत्रियों पर भी पड़े !

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    1. आदरणीय सर, मां के आशीर्वाद से जरूर पड़ेगी, आपकी बहुमूल्य प्रशंसा को हार्दिक नमन एवम वंदन । नववर्ष और नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं एवम बधाई ।

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  9. माँ की शक्ति का बहुत ही सुंदर वर्णन। नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं, जिज्ञासा दी।

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    1. ज्योति जी, आपकी सुंदर प्रशंसा को हृदय से लगा लिया है,नववर्ष तथा नवरात्रि के पावन अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं एवम बधाई...जिज्ञासा सिंह ।

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  10. प्रिय जिज्ञासा जी, नवरात्री के बहाने से प्रस्तुत रचना में माँ की जो छवि साकार हुई है नितांत पूजनीय और वंदनीय है। एक विद्वान मा अपनी बेटी को कथनी और करनी दोनों से शिक्षित करती हैं। धार्मिक पात्रों के बहाने स्त्री बोध जगाने की कोशिश करती माँ यही चाहती हूँ बिटिया सर्वगुणसम्पन्न बने तभी वह स्त्री के देवी से लेकर दुर्गावतार की कथाएँ कहती है। इस भावपूर्ण रचना के लिए ढेरों बधाईयां और शुभकामनाएं 🙏❤🌹❤🌹

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    1. आपकी सुंदर व्याख्यात्मक समीक्षा कविता को विस्तार तथा मान दे गई,आपके स्नेह की निरंतर आभारी हूं ।नववर्ष तथा नवरात्रि के पावन अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं एवम बधाई...जिज्ञासा सिंह ।

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  11. हिन्दू नववर्ष, संवत 2078, मिति चैत्र बदी, प्रतिपदा, नवदुर्गा प्रारंभ और बैसाखी की आपको सपरिवार अनन्य शुभकामनाएं💐🙏👏🏼🌸🥀🌺🌷🌹🍁🇮🇳

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  12. प्रिय सखी आपको भी हार्दिक शुभकामनाएं,मां दुर्गा आपके जीवन में हमेशा सुंदर नववर्ष का आगमन करती रहें और आपकी झोली सुख समृद्धि से परिपूर्ण करती रहें, सस्नेह जिज्ञासा सिंह ।🌹🌹🙏🙏

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  13. उत्तर
    1. बहुत बहुत आभार भारती जी, आपकी प्रशंसा को सादर नमन है,आपको नववर्ष तथा नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं एवम बधाई.... जिज्ञासा सिंह

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  14. नववर्ष एंव चैत्रीय नवरात्रि पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं।
    माँ के द्वारा कहे हर कथ्य में आपने माँ भवानी के सभी रूपों को प्रारूपित किया है।
    सुंदर ओजमय प्रभावशाली रचना।
    सच कहा आपने जिज्ञासा जी अपनी क्षमताओं को पहचानने की जरूरत है।
    सुंदर सृजन।
    सस्नेह।

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    1. रचना को विस्तार देती आपकी सुंदर प्रशंसा को हार्दिक नमन,आपको नववर्ष तथा नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं एवम बधाई.... जिज्ञासा सिंह ।

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  15. बेहतरीन रचना, नववर्ष की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं

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    1. आपका बहुत बहुत आभार अभिलाषा जी, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को हार्दिक नमन एवम वंदन, आपको नववर्ष तथा नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं एवम बधाई.... जिज्ञासा सिंह

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  16. अनुपम कृति, माँ के सभी रूप न्यारे प्यारे होते है, प्रभावशाली हृदयस्पर्शी रचना नव वर्ष मंगलमय हो जिज्ञासा

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  17. आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय दीदी, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को सादर नमन एवम वंदन ,नववर्ष तथा नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं एवम बधाई.... जिज्ञासा सिंह ।

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  18. उम्दा सृजन, मां के विविध रूपों को उकेरा आपने, मातृ शक्ति को नमन, शुभ नव संवत्सर,
    मां ब्रह्मचारिणी आप सब का सदा कल्याण करें , जय माता दी

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  19. आपका बहुत बहुत आभार सुरेन्द्र जी, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को हार्दिक नमन करती हूं ।नववर्ष तथा नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं एवम बधाई.... जिज्ञासा सिंह

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