हे गुरुवर तुमको है,प्रणाम !

ऐसे गुरु को हम जीवन का, बस एक दिवस अर्पण करते 
जो जीवन भर की पूँजी को, हम पे ही निछावर करते हैं

ये तारे हैं,ये अम्बर है,ये गहरा बड़ा समंदर है 
इस धरती के हर उद्यम को, वो हमसे जोड़ा करते हैं 

मेरे हिरदय से दम्भ द्वेष, छल छिद्र को दूर भगाने को
हर ऊंच नीच और बाधा की, दीवारें तोड़ा करते हैं

मैं सात रंग के इंद्रधनुष पर, अहम का तीर चढ़ाऊँ ज्यों
वो हाथ जोड़ प्रकृति के द्वारे, विनय निवेदन करते हैं

वह दया,धर्म औ करुणा से, पहला परिचय करवाने को  
निर्जीवों और परजीवों से, नित मुझे मिलाया करते हैं 

मैं जब भी अम्बर के तारों को, धरती पर लाना चाहूँ   
वो सहस मेरे भावी मन की, पल पल अगवानी करते हैं   

वह कहते तुम हो श्रेष्ठ सदा, इतनी विशाल इस दुनिया में 
मेरे अविचल मन के भीतर, वह धीरज भरते रहते हैं 

वह गुरु भी हैं अभिभावक भी,वह बंधु सखा भी बन जाते 
हम गर्वित हो अपना मस्तक, इस जग में ऊँचा करते हैं 

मैं अंधियारे में घिरूँ कभी, मंतव्य वही मन में आते 
विश्वास और आशा की जो, वो ज्योति प्रवाहित करते हैं

उस ज्योति की लौ की छाया से, उत्सर्ग करूँ अपना ललाम 
मैं निशदिन तुम्हें समर्पित हूँ, हे गुरुवर तुमको है,प्रणाम !!

**जिज्ञासा सिंह**

18 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर भावों से भरी रचना । 🙏🙏🙏🙏

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  2. बहुत बहुत सुन्दर श्लाघनीय | हार्दिक शुभ कामनाएं |

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  3. सार्थक सामयिक रचना
    मैं समझती हूँ वह सभी गुरु हैं जिनसे हमें जीवन में कुछ न कुछ सीखने को मिलता है

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  4. आपका बहुत बहुत आभार कविता जी,सादर नमन।

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  5. गुरु पूर्णिमा के अवसर सुंदर और सार्थक भावों वाले सृजन के लिए आपको बधाई। सादर।

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    1. बहुत बहुत आभार वीरेंद्र जी,आपकी प्रशंसा को सादर नमन।

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  6. गुरु के सम्मान में समर्पित अत्यंत सुन्दर भावाभिव्यक्ति ।

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  7. आपका बहुत बहुत आभार मीना जी,आपकी प्रशंसा को सादर नमन।

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  8. गुरु सत्ता की भावपूर्ण अभ्यर्थना प्रिय जिज्ञासा जी। बिन गुरु सब सून!!
    भावो से भरी प्रस्तुति के लिए बधाई और गुरु पुर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं।

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  9. सर्वप्रथम आपको गुरूपूर्णिमा की हार्दिक बधाई,आपको भी मेरा सादर नमन एवं वंदन।

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  10. आपकी इस श्रेष्ठ कविता ने मुझे मेरे दिवंगत गुरु का स्मरण करवा दिया। आभारी हूँ आपका।

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  11. आपका बहुत बहुत आभार जितेन्द्र जी, आपकी सुंदर प्रेरक टिप्पणियां हमेशा मार्गदर्शन करते हैं और नव सृजन की ऊर्जा देती हैं,आप भी मेरे गुरु भाई हैं,सदैव मार्गदर्शन की अभिलाषा रहेगी।आपको मेरा सादर नमन

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