आँचल
स्नेह और ममता भरा
राज छुपाए आंसुओं का गहरा
कभी आह्लादित कभी विहवल
नैन
समेटे समंदर
कजरारे, रत्नारे बडे़ सुंदर
चलाते वाण करते बेचैन
केश
काले घटाओं से
बात करते सतरंगी हवाओं से
रूठते, बदल देते वेश
आलिंगन
भुलाता सदियों का दर्द
कभी गर्मजोशी कभी सर्द
अपनत्व का पुनर्मिलन
हृदय
अकुलाहट, बेचैनी, डर
प्रेम, तपस्या, त्याग का घर
कभी भय, कभी निर्भय
**जिज्ञासा सिंह**
वाह ! अलग ढंग की सुन्दर व्याख्या !
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत आभार आदरणीय सर ।
हटाएंयहाँ प्रयुक्त हर विषेशण एक अलग ही प्रभाव प्रकट कर रहा है । बहुत ही सुन्दर क्षणिकाएँ ।
जवाब देंहटाएंब्लॉग पर आपकी बहुमूल्य टिप्पणी के लिए आपका तहेदिल से शुक्रिया ।
हटाएंजी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार(३०-०८-२०२१) को
'जन्मे कन्हैया'(चर्चा अंक- ४१७२) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
अनीता जी मेरी रचना को चर्चा मंच में चयनित करने के लिए आपका हार्दिक शुक्रिया । सादर शुभकामनाओं सहित जिज्ञासा सिंह ।
हटाएंवाह सुंदर क्षणिकाएं !! सब एक से बढ़कर एक !!
जवाब देंहटाएंअनुपमा जी आपका बहुत बहुत आभार ।
हटाएंहाइकू सी यह शैली, कुछ कुछ सूत्रवत, सम्प्रेषण के भरी। सुन्दर प्रयोग।
जवाब देंहटाएंजी,सही कहा आपने प्रवीण जी, मैं बचपन में "सर्वोत्तम"
हटाएंपत्रिका में क्षणिकाएं पढ़ती थी , वहीं से मुझे इन्हें लिखने की प्रेरणा मिली । वो कुछ ऐसी ही होती थीं। आपका बहुत आभार ।
कम शब्दों में विस्तृत भाव समेटे हुए सुंदर सारयुक्त क्षणिकाएँ।
जवाब देंहटाएंप्रिय जिज्ञासा जी आपकी लेखनी से निसृत विविधापूर्ण विधाएँ प्रशंसनीय है।
सस्नेह।
आपकी प्रतिक्रिया हमेशा एक नई ऊर्जा देती है प्रिय सखी, सदैव स्नेह बनाए रखें,बहुत आभार ।
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत सुंदर और गहन भाव समेटे अभिनव क्षणिकाएं जिज्ञासा जी, लघु काव्य में भावों को समेटना एक कवि की शानदार उपलब्धि होती है ।
जवाब देंहटाएंबधाई आपको सुंदर सृजन के लिए।
आपका बहुत बहुत आभार ।
हटाएंगागर में सागर जैसी भावाभिव्यक्ति जिज्ञासा जी ।
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत आभार ।
हटाएंशब्दों और पंक्तियों की गागर में सागर समेटने का सफल प्रयास ... कमाल की सभी क्षणिकाएं ...
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत आभार ।
हटाएंवाह! कमाल की शैली है...
जवाब देंहटाएंकम में ज्यादा कहना
सहज सरल व्याख्या
सादर
आपका बहुत बहुत आभार ।
जवाब देंहटाएंसुंदर छटा क्षणिकाओं की।
जवाब देंहटाएंआपका ब्लॉग पर समय देना बहुत उत्साह और ऊर्जा की प्रेरणा देता है। आपको मेरा सादर नमन ।
हटाएंआदरणीया मैम, बहुत ही सुंदर भावपूर्ण पंक्तियाँ । हर एक पंक्ति मानों हृदय में उतर गई हो। आज आपके ब्लॉग पर इतने दिनों बाद आ कर बहुत अच्छा लग रहा है। इन दिनों इंटर्नशिप के कारण व्यस्त थी इसी लिए बहुत दिनों से ब्लॉग पर ऐक्टिव नहीं थी । अभी आपकी हर एक रचना पढ़ूँगी। मेरी प्रिय क्षणिका तो आलिंगन वाली थी। एक अनुरोध और, मैं ने जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर एक नई कहानी डाली है । कृपया आ कर पढ़ें, आपके आशीष की प्रतीक्षा रहेगी । आपको मेरा प्रणाम।
जवाब देंहटाएंबहुत प्यार भरा आभार प्रिय अनंता,जरूर आऊंगी तुम्हारे ब्लॉग पर ।
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