सदैव खुश रहो !
"आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास" है, कि तुम फिर पिछले साल की तरह इम्तहान के लिए, "दिन दूनी रात चौगुनी" मेहनत कर रहे होगे । तुम्हारा पत्र देखते ही दादी माँ "खुशी से फूली नहीं समाई" । तुम्हारी बहना प्रिया के तो "पाँव ही जमी पर नहीं पड़ रहे", कह रही थी कि देखना माँ भैया एक दिन तुम्हारा "नाम रोशन करेगा", क्योंकि मेरा भाई तो "लाखों में एक" है, अपना लक्ष्य पाने के लिए "जमीन आसमान एक कर" देता है, प्रिया कहती है, कि उसकी मेहनत देख के उसके दोस्तो के तो "हाथ पाँव फूल" जाते हैं, जानते हो बेटा "मैंने भी नहले पे दहला" मारा । मैं बोली मेरे "पूत के पाँव पालने में" ही दिख गए थे, तुम्हारे बाबा तो उसकी चैतन्यता देख कहने लगे थे कि घर चलते ही "घी के दिए जलाएँगे" ।
अरे हाँ तुम्हारा "हवाई किले बनाने वाला" दोस्त मुकुल आया था "बड़ी बड़ी हाँक" रहा था अपने कॉलेज के बारे में, प्रिया बोली "अपने मुँह मियाँ मिट्ठू" मत बनो, रिजल्ट आने पर तो नंबरों के तो "लाले पड़ जाते" हैं,"बगले झाँकने" लगते हो । "मुँह पे ताला" लगा लो, नहीं तो माँ के सामने तुम्हारा "कच्चा चिट्ठा खोल दूँगी" ।
बेटा एक सलाह है, कि "जमीन पर पाँव रख के चलना" शुरू में ही किसी से "आसमान के तारे तोड़ने" जैसी "डींगें मत हाँकना, लोग "खिल्ली उड़ाएँगे" ,एक दिन " मेहनत रंग लाएगी" तुम "असमान की बुलंदियाँ " छुओगे, ऐसा बड़े कहते है कि "गूलर के फूल" दिखते नहीं पर अपने फलों से पक्षियों का पेट भर देते हैं।
खूब "फलो फूलो"यही "मंगल कामना" है,
तुम्हारी माँ
दिनाँक़ १४/९/२०२१
सटीक व्याकरण के साथ इतनी विविधता, विशालता सिर्फ हिंदी में ही संभव है
जवाब देंहटाएंजी,सही कहा आपने, आपको हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं एवम बधाई 💐💐🙏🙏
हटाएंमुहावरों के प्रयोग ने पत्र में चार चाँद लगा दिए हैं ।
जवाब देंहटाएं👌👌👌👌👌👌
आपके शब्दों से प्रेरणा मिलती है, हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं एवम बधाई 💐💐🙏🙏
हटाएंआपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (15-09-2021) को चर्चा मंच "राजभाषा के 72 साल : आज भी वही सवाल ?" (चर्चा अंक-4188) पर भी होगी!--सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार करचर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।--
जवाब देंहटाएंहिन्दी दिवस की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आदरणीय शास्त्री जी,
जवाब देंहटाएंहिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं एवम बधाई 💐💐🙏🙏
इस पत्र को चर्चा मंच में शामिल कर आपने आपने इसका मान बढ़ा दिया । आपको मेरा सादर नमन एवम वंदन।
आज तो मन मुहावरा-मुहावरा हो गया । अति सुन्दर सृजन के लिए हार्दिक बधाई । हार्दिक शुभकामनाएँ ।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार अमृता जी ।
हटाएंहिंदी दिवस की शुभकामनाएं सुन्दर
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आदरणीय जोशी जी ।
हटाएंबहुत ही खूबसूरती से पत्र में मुहावरों का प्रयोग किया है आपने, जिज्ञासा दी।
जवाब देंहटाएंज्योति जी आपका बहुत बहुत आभार ।
जवाब देंहटाएंपत्र में मुहावरों का प्रयोग खूबसूरत और बहुत प्रभावी लग रहा है । बहुत सुन्दर सृजन ।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार मीना जी ।आपको मेरा सादर नमन ।
हटाएंमुहावरों ही मुहावरों में लिखा यह पत्र बहुत ही लाजवाब है।
जवाब देंहटाएंवाहवाह!!!
बहुत बहुत आभार सुधा जी ।आपको मेरा सादर नमन
हटाएंवाह सुन्दर मुहावरों का प्रयोग!!
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार अनुपमा जी ।आपको मेरा सादर नमन
जवाब देंहटाएंइतने मुहावरे जड़ दिये हैं कि अर्थ निकालने में सब समझ आ जायेगा, हिन्दी दिवस तो स्वतः मन जायेगा।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका ।
हटाएंवाह, शानदार
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका ।
हटाएंसुन्दर सृजन
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका ।
हटाएंअद्भुत !अभिनव !
जवाब देंहटाएंअलंकारित, मुहावरेदार सुंदर पत्र।
बहुत बहुत आभार आपका ।
जवाब देंहटाएंपत्र का सारतत्व ग्रहणीय है एवं व्याकरण उत्तम। इस अनूठे पत्र के सृजन हेतु अभिनन्दन जिज्ञासा जी।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार,आपका अवलोकन मेरे सृजन को प्रेरणा है,आपको मेरा सादर नमन ।
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