वर्ण पिरामिड: बेटियाँ

तू
परी
लाडली
नैन बसी
मन मोहिनी
आँचल में लेटी
राजदुलारी बेटी ।।

वो
पुत्री
हृदया 
विश्वजया
कुल तारिनी
सदैव बंदिनी
सुश्री दिव्यदर्शिनी ।।

क्यूँ  
बेटी
सजीले  
कजरारे 
नैन रत्नारे
नींद से बोझिल
झील से झिलमिल ?

रे
सुता
पहन
आभूषण
मोती रतन
रम्य परिधान
बिखेर दे मुस्कान ।।

है
सोना
गहना
मोतीमणि
अलंकरण
जीवन श्रृंगार
बेटी खुशी हजार ।।

जिज्ञासा सिंह
सभी को बेटी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 💐💐

20 टिप्‍पणियां:

  1. वाह बहुत ही सुंदर भाव और बहुत ही प्यारी रचना !काश कि सभी मां के अंदर से भाव होते तो कोई भी नन्ही कली खिलने से पहले मुड़ जाती नहीं!

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. बहुत बहुत आभार प्रिय मनीषा, बहुत सही बात कही आपने ।

      हटाएं
  2. प्रिय जिज्ञासा जी , बिटिया के प्रति हर माँ के स्नेहिल उद्गारों को शब्दांकित करती रचना के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं|घर-आँगन की अनमोल निधि हैं हमारी बेटियाँ | एक माँ जिस दृष्टि से देख सकती है कोई और नहीं देख सकता | अपनी ही परछाई को दिनोंदिन बढ़ते देखना जीवन का सबसे सुंदर अनुभव है और मार्मिक भी | सभी बेटियों के असंख्य आशीषें | हर बेटी मुस्कुराए और आगे बढ़े , यही दुआ है |

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आपका बहुत बहुत आभार रेणु, बहुत सुंदर, आत्मीय और सारगर्भित बातें कही आपने,आपको मेरा नमन और वंदन ।

      हटाएं
  3. बहुत सुंदर वर्ण पिरामिड।
    एक एक शब्द मोती से दमक रहें हैं।
    नेह का संचरण करती सुंदर रचनाएं।
    बेटी दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आपकी प्रशंसा रचना को सार्थक कर गई । आपको मेरा हृदय से आभार ।

      हटाएं
  4. वाह!!!!
    बेटी दिवस पर लाजवाब वर्ण पिरामिड
    बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं आपको।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आपका बहुत बहुत धन्यवाद सुधाजी, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया हमेशा नव सृजन का मार्ग प्रशस्त करती है,आपको मेरा नमन ।

      हटाएं
  5. नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार (27-09-2021 ) को 'बेटी से आबाद हैं, सबके घर-परिवार' (चर्चा अंक 4200) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है। रात्रि 12:01 AM के बाद प्रस्तुति ब्लॉग 'चर्चामंच' पर उपलब्ध होगी।

    चर्चामंच पर आपकी रचना का लिंक विस्तारिक पाठक वर्ग तक पहुँचाने के उद्देश्य से सम्मिलित किया गया है ताकि साहित्य रसिक पाठकों को अनेक विकल्प मिल सकें तथा साहित्य-सृजन के विभिन्न आयामों से वे सूचित हो सकें।

    यदि हमारे द्वारा किए गए इस प्रयास से आपको कोई आपत्ति है तो कृपया संबंधित प्रस्तुति के अंक में अपनी टिप्पणी के ज़रिये या हमारे ब्लॉग पर प्रदर्शित संपर्क फ़ॉर्म के माध्यम से हमें सूचित कीजिएगा ताकि आपकी रचना का लिंक प्रस्तुति से विलोपित किया जा सके।

    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।

    #रवीन्द्र_सिंह_यादव

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. रवीन्द्र जी,नमस्कार !
      मेरी इस वर्ण पिरामिड रचना को चर्चा में लाने के लिए आपका हृदयतल से असीम आभार प्रकट करती हूं, आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं ।

      हटाएं
  6. पुत्री के प्रति अथाह स्नेह प्रकट करते मोहक वर्ण पिरामिड ।

    जवाब देंहटाएं
  7. बेहतरीन भाव लिए सभी वर्ण पिरामिड बहुत खूबसूरत । 👌👌👌

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आपका बहुत बहुत आभार दीदी, आपकी प्रशंसा को हार्दिक नमन।

      हटाएं