दुर्गा
कुमारी
मनोहारी
वरदायिनी
जगत जननी
सर्वदा पूजनीय ।।
नौ
दिन
का वास
उपवास
मां आगमन
भजन कीर्तन
चरणों में नमन ।।
हे
आदि
भवानी
मातृशक्ति
असीम भक्ति
आपको अर्पण
सर्वस्व समर्पण ।।
माँ
देवी
हैं क्षमा
नेह प्रेम
सहृदयता
करुणा ममता
जग की अधिष्ठाता ।।
**जिज्ञासा सिंह**
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 13 अक्टूबर 2021 को लिंक की जाएगी ....
जवाब देंहटाएंhttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
मेरी रचना को "पांच लिंकों का आनन्द में"शामिल करके आपने मुझे हार्दिक खुशी दी है पम्मी जी,आपका बहुत बहुत आभार और अभिनंदन । हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई 💐💐
हटाएंजय मातेश्वरी !
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत आभार, आपको मेरा सादर नमन 🙏💐
हटाएंवाह , सुंदर रचनाएँ ।
जवाब देंहटाएं🙏🙏🙏
बहुत बहुत आभार आदरणीय दीदी 🙏💐
हटाएंवाह बहुत सुन्दर....
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आदरणीय दीदी 🙏💐
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर वर्ण पिरामिड माँ की आराधना में।
जवाब देंहटाएंसभी पिरामिड भावपूर्ण सार्थक।
सस्नेह।
बहुत बहुत आभार आपका कुसुम जी ।
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