आज ये लिखते हुए मुझे बड़ा हर्ष हो रहा है, कि ५ अक्टूबर को मेरे ब्लॉग का पहला जन्मदिन था, इस एक साल की यात्रा में मैंने काफी रचनाएँ डालीं, जिनमें कुछ नई लिखीं, कुछ मेरी डायरी से लेकर मैने डालीं । जिनमें १४७ कविताएँ, २५ लोकगीत और ११ कहानियाँ अभी तक प्रकाशित हैं।
मैंने ब्लॉग २०१७ में बनाया,पर उस पर रचनाएँ तब डालनी शुरू कीं, जब मेरी अगली पीढ़ी के कई बच्चे जो मुझसे नर्सरी से बारहवीं की, उनकी पढ़ाई के दौरान कहानी, कविता या लेख लिखवाते थे और अपने विद्यालय में पुरस्कार पाते थे, उन बच्चों ने कहना शुरू किया और मेरे खुद के बच्चे तो कोविड के दौरान मेरे पीछे ही पड़ गए ,वे दोनों तो मेरी कलम की प्रेरणा के आधार स्तंभ हैं, बेटे ने ही मेरे ब्लॉग को बनाया, बेटा तो मेरी रचनाओं का बहुत बड़ा आलोचक और मार्गदर्शक है, बेटी मेरा मन देखकर आलोचना करती है, खैर मेरे ब्लॉग लेखन की प्रेरणा मेरी अगली पीढ़ी के बच्चे हैं ।
रही बात उस अनुभव की जो रचना पर पहली टिप्पणी का था, तो वो यशोदा दीदी के मुखारविंद से निकले कुछ शब्द थे जो आज भी मुझे प्रेरित करते हैं, उन्होंने रचना की प्रशंसा की थी, और " सांध्य दैनिक मुखरित मौन" के लिए भी चुना था, कविता का शीर्षक था " पैसा थोड़ी हूँ मैं" उस मनमोहनी टिप्पणी के लिए आज तक आभारी हूँ, उसने मुझे इतनी ख़ुशी दी कि उस टिप्पणी को पढ़कर ऐसा महसूस हुआ कि यशोदा दीदी को लंच या डिनर पर बुला लूँ, और कुछ लजीज़ व्यंजन अपने हाथों से परोसूँ । उनको मेरा सादर नमन है । उसी रचना पे आदरणीय जोशी जी, शान्तनु सान्याल जी, सधु चंद्र जी और शिवम् जी की टिप्पणियाँ आईं, जो मेरे लिए आज तक हर्ष का विषय हैं, फिर धीरे धीरे मेरी रचनाएँ चर्चा मंच में भी प्रकाशित होने लगीं और आदरणीय शास्त्री जी ने मेरी कई रचनाओं को रचनाकारों तक पहुँचाया, जिसके लिए उनका कोटिशः आभार । उत्तरोत्तर सभी स्नेही ब्लॉगर साथियों ने समय समय पर अपनी सशक्त टिप्पणियों से मेरा हमेशा मनोबल बढ़ाया, उन सभी का स्नेह सदैव मिलता रहा, उनके दिए हौसले से ब्लॉग पर मेरी निरंतरता बनी रही। उन सभी की तहेदिल से आभारी हूँ, और करबद्ध धन्यवाद देती हूँ, 🙏🙏💐💐
सभी ब्लॉगर साथियों को समर्पित मेरी ये रचना :~
सबको है नमन मेरा, सबको है वंदन मेरा ।
ले पुष्पगुच्छ हाथों से, सबको है अर्पण मेरा ।।
मैं ब्लॉग जगत में आई, आशा की किरणें लेकर ।
कुछ शब्दों से ही मुझको, जो स्नेह मिला झोली भर ।
मन झूमा बना चितेरा, सबको है वंदन मेरा ।।
एक बाती थी हाथों में और उसे जलाया सबने ।
उजियारा ऐसा फैला, और लगी उंगलियाँ चलने ।।
फिर मैंने शब्द उकेरा, सबको है वंदन मेरा ।।
इस, शब्दों की नगरी में, है राज कल्पना करती ।
आभासी है ये जीवन, पर रोज प्रेरणा मिलती ।।
जैसे परिवार है मेरा, सबको है वंदन मेरा ।।
हर विषय की होती पूजा,हर पंथ यहां शोभित है ।
सबसे अनुराग अलौकिक, सबकी भाषा पूजित है ।।
हर मन का यहां बसेरा, सबको है वंदन मेरा ।।
अति चले लेखनी सबकी, और शब्द ग्रंथ बन जाए ।
ये ब्लॉग जगत की दुनिया, नित नई ऊंचाई पाए ।।
प्रभु से ये निवेदन मेरा, सबको है वंदन मेरा ।।
**जिज्ञासा सिंह**
बधाई बधाई बहुत बधाई प्रिय जिज्ञासा जी।
जवाब देंहटाएंब्लॉग के जन्मदिन की हार्दिक बधाई।
आपकी लेखनी अपना जादू बिखेरती रहें हम पाठकों को मुग्ध करती रहें। यह सुंदर सफ़र अनवरत ज़ारी रहे और समय-समय पर हर पड़ाव पर सम्मान और यश प्राप्त हो यही कामना करती हूँ।
शुभमंगलकामनाएँ
सस्नेह।
आपके मधुर स्वर में उपर्युक्त 'आभार कविता' का वाचन सुनना मनमोह गया।
हटाएंसस्नेह।
आपकी मन को छूने वाली प्रतिक्रिया का हार्दिक अभिनंदन करते हुए दिल में बसा लिया है,आपका भी बड़ा प्रेम रहा इन दिनों प्रिय सखी ।किन शब्दों में आभार करूं ।समझ नहीं ।बस ये बना रहे यही ईश्वर से कामना है । ये गीत तो आप ही की लिए है ☺️💐
हटाएंप्रिय जिज्ञासा जी, सर्वप्रथम इस शुभ दिवस विशेष पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। ब्लॉग जगत में एक साल पूरा होना बहुत बड़ी उपलब्धि है। उससे बड़ी बात है रचनात्मकता की उत्कृष्टता! जिसके साथ शालीनता और शिष्टाचार की भी अपनी महत्ता है जो ब्लॉग को लोकप्रिय बनाती है। आपने इन सभी मापदंडों पर आपने अपने आप को साबित किया हैऔर लोकप्रियता पाई है। पहली टिप्पणी और पहले लेख का स्मरण कभी फीका नहीं पड़ता, आत्मा के साथ अटूट रहता है । लेखनकीविधाओं में शब्दचित्र की कला में पारंगत होने के साथ-साथ आपको गीत और गद्य में भी दक्षता हासिल है। आपकी रचना- यात्रा यूं ही अबाधित चलती रहे यही कामना करती हूं। आपको पुनः बधाई। आपका ये स्नेहासिक्त और कृतज्ञता भरा लेख पाठकों को असीम स्नेह का आभास कराता है। आभार कविता का कोई जवाब नहीं, ना शब्दों का और गायन का--- स्वर से छलकती आत्मीयता सब कह रही है 👌👌👌। आपकी इस खुशी और प्रस्तुति को नमन है। सुन्दर प्रस्तुति हेतु पुनः आभार और अभिनंदन 🙏🌷🌷🌷❤️❤️❤️🎈🎈
जवाब देंहटाएंइस सुंदर और आत्मीय प्रशंसा को दिल में ऐसी जगह बसा लिया है कि वो मुझे ताजगी देती रहे ।आपके स्नेह और साथ ने तो हर सृजन में चार चांद लगाया ।इतना अटूट रिश्ता तो शायद ही बने, आपकी टिप्पणी की तो जिज्ञासा कायल हैं और रहेंगी ।आपको मेरा कोटि नाम ☺️💐
हटाएं*नाम/नमन
हटाएंजय हो। कोटि कोटि शुभकामनाएँ । ऐसा ही सुन्दर और विविध लिखती रहें।
जवाब देंहटाएंप्रवीण जी आपका हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए बड़ी प्रशंसा हो रही कि जब से आपको जाना,आपने हमेशा हौसला बढ़ाया । आपको मेरा बहुत धन्यवाद ।
हटाएंहार्दिक बधाई, जिज्ञासा जी! ऊपर रेणु जी की कही बातों से शत प्रति शत सहमत। आपकी लेखन यात्रा यूँ हो चलती रहे और आप पर माँ सरस्वती की कृपा बनी रहे। नवरात्र की शुभकामनाएँ!!!💐🎂🌹🌹
जवाब देंहटाएंमधुर गायन के लिए विशेष आभार!!!
जवाब देंहटाएंआदरणीय विश्वमोहन जी, आपकी टिप्पणियां हमेशा ये महसूस कराती हैं, कि जैसे सचमुच कुछ लिखा है आज । आप जैसे विज्ञ से प्रशंसा एक सुखद अनुभूति और अहसास है । आपने तो मेरी रचना" गौरैया" को बहुत दूर तक पहुंचाया जिसके उत्तरोत्तर मुझे पर्यावरण को लेकर एक नई ऊर्जा मिली । जिसके लिए आपका बहुत बहुत आभार । आपको मेरा सादर नमन☺️💐🙏
हटाएंअहा !!!! ब्लॉग जगत ऐसा ही है । जब इसमें आप रमते हैं तो जिनसे भी ब्लॉग के माध्यम से परिचय होता है तो एक परिवार जैसा ही अनुभव होता है । बहुत बहुत बधाई ।
जवाब देंहटाएंशब्दों के माध्यम से सबको याद किया है , अपने भावों को बहुत खूबसूरत शब्द दिए हैं । गायन भी बेमिसाल । 👌👌👌👌
आदरणीय दीदी, इधर आपसे मिलना कम हो रहा है,पर आपका अहा!! मेरा दिन बना गया ,आपके द्वारा रचना का अवलोकन एवम प्रोत्साहन अक्सर ऐसी ऊर्जा देता है कि शब्दों में बयां करना मुश्किल है, बस यूं लगता है, कि कोई हो न हो ब्लॉग पर अपने लोग तो हैं ही। आप ऐसे ही प्रेरणा देती रहें और हम अपनी दीदी से मार्गदर्शन पाते रहें ।यही कामना है ☺️🙏💐
हटाएंब्लॉग की दुनिया में आपका योगदान सराहनीय है !आपको बहुत-बहुत बधाई !
जवाब देंहटाएंकामना करता हूं की आप प्रतिदिन अपने ब्लॉग पर रचना लगाएं, जिससे कि हिंदी साहित्य के भंडार में अभिवृद्धि हो सके!
आदरणीय सर आपका ब्लॉग पर आना अपने आप में गर्व का विषय है, आप तो हिंदी भाषा की अमूल्य धरोहर हैं, आपके श्रीचरणों में मेरा हार्दिक नमन ।
हटाएंबुधवार को मेरी प्रविष्टि चर्चा मंच पर आएगी जिसमें मैं आपकी इस पोस्ट को अवश्य लगाऊंगा! एक बार फिर ब्लॉग के जन्मदिन पर आपको बधाई हो!
जवाब देंहटाएंजी,बहुत आभार आपका आदरणीय सर ☺️💐🙏
हटाएंबहुत-बहुत बधाई एवं उज्ज्वल भविष्य हेतु अनेक शुभकामनाएं जिज्ञासा जी। मैं समझता हूँ कि आपकी प्रगति का विस्तार भी उसी प्रकार अनंत है जिस प्रकार आकाश अनंत होता है।
जवाब देंहटाएंजितेन्द्र जी,आपकी समीक्षात्मक प्रतिक्रिया ने तो हमेशा सृजन को सार्थक मार्गदर्शन दिया है, जिस रचना पर आपकी प्रतिक्रिया न हो अपने को लगता है, कि जैसे कुछ अच्छा नहीं लिखा । आपकी बेहतरीन समीक्षा हर नव रचना की प्रेरणा होती है, आपने मेरे हर ब्लॉग को अपने शब्दोंसे प्रोत्साहित किया है, आपका असंख्य आभार💐 ☺️🙏
हटाएंजी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार(०९-१०-२०२१) को
'अविरल अनुराग'(चर्चा अंक-४२१२) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
बहुत बहुत आभार अनीता जी,आपने मेरे ब्लॉग के जन्मदिन को मानने का जो सुनहरा अवसर दिया है,इस विशेष महत्व को अपना स्नेह देने के लिए आपका अभिनंदन ।बहुत बहुत शुभकामनाएं 💐💐
हटाएंबहुत सुंदर गीत और मधुर प्रस्तुति।बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं जिज्ञासा जी💐💐
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत आभार अनुराधा जी, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रियाओ ने ब्लॉग की निरंतरता में एक महती भूमिका निभाई है आपको मेरा सादर नमन ☺️🙏💐
हटाएंवाह जिज्ञासा अद्भुद|
जवाब देंहटाएंआदरणीय सर आप मेरी रचनओ के पहले दिन के टिप्पणीकार हैं,आपको मेरा करबद्ध प्रणाम और उस खुशी के लिए बहुत आभार जो आपके ब्लॉग पर आने पर मुझे मिली थी । आपको मेरा नमन ।
हटाएंबहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंब्लॉग पर आपकी उपस्थिति बहुत हर्ष दे गई,आपका बहुत बहुत आभार 💐🙏
हटाएंहार्दिक बधाई आ0
जवाब देंहटाएंऔर ऐसे ही अनगिन वर्ष आते रहें
बहुत बहुत आभार अनीता जी, आपके स्नेह की आभारी हूं ☺️💐🙏
हटाएंबढ़े चलिए,बढ़े चलिए
जवाब देंहटाएंगिनने गिनाने के दिन गए
बस पढ़िए और पढ़िए..
सालगिरह की अनंत शुभकामनाएं..
सादर...
आपका हार्दिक आभार आदरणीय दीदी, ब्लॉग पर आपका आगमन अतीत हर्ष दे गया । आपको मेरा नमन और वंदन 🙏💐☺️
हटाएंब्लॉग जगत के सफर की पहली वर्षगांठ की हार्दिक शुभकामनाएं जिज्ञासा जी, आप का सफर यूं ही जारी रहें। ये ब्लॉग जगत भी तो हमारा घर ही है और हम सभी एक परिवार के सदस्य है।यहां भी हम अपने व्यवहार ही सबके दिलों में अपना स्थान बना पाते हैं।लेखन कार्य तो सभी करते हैं मगर सबके दिलों में जगह कोई कोई ही बना पाता है और आप इसमें कामयाब रही है। मेरी शुभकामनाएं हमेशा आप के साथ है। आप की मधुर आवाज़ ने तो मन मोह लिया। एक बार फिर से बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंआपकी प्रशंसनीय आत्मीय टिप्पणी से अभिभूत हो गई कुमिनी जी, आप सबके स्नेह के बिना शायद मैं नव सृजन न कर पाती। सदैव आपके स्नेह की आभारी हूं 💐🙏☺️
हटाएंब्लॉग की प्रथम सालगिरह की हार्दिक शुभकामनाएं, जिज्ञासा दी। सिर्फ एक साल में आपने व्व कर दिखाया जो ज्यादातर ब्लॉगर्स कई सालों में नही कर पाते। मतलब ब्लॉग जगत में अपनी एक अलग पहचान। आप इसी तरह लिखती रहे और आगे बढ़ती रहे यहीं शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत आभार ज्योति जी,आपने तो मेरा हमेशा मनोबल बढ़ाया, हमेशा ब्लॉग पर आपका प्रोत्साहन मिलता रहा जिसके लिए आपकी तहेदिल से शुक्रिया अदा करती हूं,आपको मेरा नमन और वंदन 💐☺️🙏
जवाब देंहटाएंब्लाग जगत की प्रथम सालगिरह की हार्दिक हार्दिक हार्दिक शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंमुझे लगता था कि आप बहुत सालों से ब्लॉगिंग कर रहीं हैं पर आपको तो सिर्फ एक साल हुए हैं आपका ब्लॉग देख एक बार भी नहीं लगता कि आपको ब्लॉगिंग करते हुए सिर्फ एक साल हुआ है! आप बहुत ही अच्छा लिखतीं हैं!
चलती रहे कलम ऐसे ही,
नई-नई रचनाएं बने!
हम नौसिखिया ब्लॉगर का मार्गदर्शक बने!
मुस्कान रहे लबों पर आपके ऐसे ही प्रसन्न रहें!
प्यार स्नेह मिलता रहे आपको
और हमको भी आपका स्नेह मिले!
भविष्य में आपका चरण स्पर्श करने का सौभाग्य मिले!
प्रिय मनीषा, तुम्हारा ये प्यारा सा भाव भरा उद्गार मन को खुश कर गया, जीवन में किसी भी क्षेत्र में अगर संयमित और नियमित रूप से लगे रहो, तो स्नेह और समर्थन अवश्य मिलता है, जीवन के अनुभव बहुत कुछ सिखाते हैं, बस धैर्य और विनम्रता बनाए रखो, मार्ग प्रशस्त होगा, बस ब्लॉग जगत में मैंने साल भर में यही सीखा है ।
हटाएंतुम भी बहुत अच्छा लिख रही हो, और फिर तुम्हारे पास अभी जीवन का विस्तार और अनुभव का ख़ज़ाना जुड़ना है,देखना चार चाँद लगा दोगी, मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ।
ब्लॉग के प्रथम सालगिरह की बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं जिज्ञासा जी!माँ सरस्वती की कृपा आप पर सदा यूँ ही बनी रहे...
जवाब देंहटाएंअद्भुत एवं लाजवाब आभार गीत पढना और आप ही के सुर में सुनना बहुत ही मनोहारी रहा...साथ ही ब्लॉगर साथियों के आभार में आपका लेख बहुत ही लाजवाब।
सुधा जी, मैंने शुरू में अनुभव की कमी से, अपनी कविताओं के हिसाब से पाँच ब्लॉग बना दिए थे, जैसी कविता होती थी उसके हिसाब से ब्लॉग पर डालती थी, पर आपकी बहुमूल्य सलाह पर संशोधन कर ब्लॉग का वर्गीकरण किया, जिससे मैं निश्चिंतता के साथ अपनी रचनाएँ दल पा रही हूँ, आपका बहुत शुक्रिया उस सलाह के लिए।आशा है ऐसी सलाह मिलती रहेगी। आपको मेरा हार्दिक नमन।
हटाएं*दल/डाल
हटाएंप्रथम तो आपको ब्लॉग की पहली सालगिरह पर अनंतानंत शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंलगता ही नहीं सिर्फ एक साल से आपको पढ़ रही हूं,लगता है जैसे आपकी सृजनात्मकता को सालों से आत्मसात कर रही हूं।
बहुत ही प्यारे विषय, निर्बाध चलती लेखनी भावों का अप्रतिम प्रवाह,और सारे ब्लॉग जगत से एक सुदृढ़ रिश्ता,सभी कुछ अनुपम है।
ब्लॉग साथियों को समर्पित रचना बहुत ही मुग्ध कर रही है उसपर आपकी प्रस्तुति गज़ब है।
पुनः बहुत बहुत बधाई।
सदा साहित्य पटल पर आभार बिखेरती रहें
सस्नेह।
आपके आगमन के बिना जन्मदिन कुछ सूना सूना सा था, आप आईं बहार आई,क्योंकि प्रकृति तो आपके साथ चलती है, आपसे बहुत कुछ सीखती रहती हूँ, सदैव ऐसे ही स्नेह देती रहें,आपका आपका बहुत बहुत आभार और अभिनंदन,नमन और वंदन।
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