सर्द मौसम की बारिश


ये बारिश का मौसम लगता बड़ा सुहाना
याद आता मेरी गलियों में तेरा आना 

झाँक के धीरे से मेरा दरवाजा तकना
छज्जे पे मेरे दिखते ही बंगले झँकना
शरमा के वो बगल की गलियों में मुड़ जाना
ये बारिश का मौसम लगता बड़ा सुहाना ।।

मैं रिक्शे में बैठी बिलकुल छुई मुई सी
जैसे कली खिले सेमल की नई रुई सी
तुझे देखते ही पलकों का स्व झुक जाना
ये बारिश का मौसम लगता बड़ा सुहाना ।।

हाय कसम से उँगली दाँतों में दब जाती
सखियाँ तेरी बातें सुन जब थीं मुस्काती
और कलेजा धक से बिलकुल जम सा जाना 
ये बारिश का मौसम लगता बड़ा सुहाना ।।

कभी कनखियों से दर्पण मैं देखूँ ऐसे
देखूँ दर्पण मैं, दिखती छवि तेरी जैसे
शरम के मारे मेरा खुद से ही शर्माना 
ये बारिश का मौसम लगता बड़ा सुहाना ।।

भीगे बदन सरकती ओढ़नी जब भी सर सर
अगल बगल मैं देखूँ अपने इधर उधर
गज़ब तुम्हारी नजरों का जब हो टकराना
ये बारिश का मौसम लगता बड़ा सुहाना ।।

वो ऋतुएँ, वो साँझ, भोर औ भरी दुपहरी
सब भूलूँ पर ना भूलूँ बरसात सुनहरी
कमसिन उमर और बारिश का साथ पुराना
ये बारिश का मौसम लगता बड़ा सुहाना ।।

**जिज्ञासा सिंह**

18 टिप्‍पणियां:

  1. बारिश का वाकई बहुत सुहाना होता है।

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  2. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 20 जनवरी 2022 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!

    !

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  3. आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय रवीन्द्र सिंह यादव जी । "पांच लिंकों का आनंद में" मेरी रचना को शामिल करने के लिए आपका हृदयतल से आभार व्यक्त करती हूं, शुभकामनाओं सहित जिज्ञासा सिंह 👏👏💐💐

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  4. मुझे लगे ये गीत बहुत ही प्यार!
    सच में बहुत ही सुंदर😍💓 कितनी खूबसूरती से बयां किया है आपने!

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  5. बहुत ही बेहतरीन अभिव्यक्ति

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  6. वाह! बारिश के मौसम में दिल का मधुर स्मृतियों को याद करके रोमानी हो जाना कितना सहज होता है न, लगता है सोलहवाँ साल हरेक के जीवन में एक जैसा ही आता है

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  7. सटीक प्रतिक्रिया के लिए आपका हार्दिक आभार आदरणीय दीदी ।

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