मातृभूमि पर प्राणों की
ओ आहुति देने वाले
आज़ादी के मतवाले
पत्ता पत्ता तिनका तिनका
तेरा आज ऋणी है ।
तेरे त्याग तपस्या से
सिंचित अपनी धरणी है ।।
वीर पुरुष ओ वीर सिपाही
वतन है तेरे हवाले
आज़ादी के मतवाले
तूने अपना लहू दिया
एक पल भी न कुछ सोचा
दुश्मन से दिन रात लिया
सरहद पर डटकर मोर्चा
ऐसे सेनानी को झुककर
मस्तक आज नवा ले
आजादी के मतवाले
तेरी श्रद्धा तेरी भक्ति
तेरा समर्पण है भारत
राष्ट्र के आगे छोड़ गए
परिवार,मित्र, घर, दौलत
तन मन न्योछावर तुझपे
रणभूमि पे लड़ने वाले
आजादी के मतवाले
आज़ादी जिसने दिलवायी
अगर भूल जाएँगे
फिर से वही गुलामी होगी
दासत्व में घिर जाएँगे
दे सम्मान उन रणधीरों को
अपने शीश बिठा लें
आजादी के मतवाले
गणतंत्र दिवस पर सभी शूरवीरों को सादर नमन💐👏
**जिज्ञासा सिंह**
आज़ादी जिसने दिलवायी
जवाब देंहटाएंअगर भूल जाएँगे
फिर से वही गुलामी होगी
दासत्व में घिर जाएँगे
दे सम्मान उन रणधीरों को
अपने शीश बिठा लें
बहुत सुंदर रचना जिज्ञासा जी।
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
बहुत बहुत आभार अनुराधा जी, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को हार्दिक नमन और वंदन । आपको सपरिवार गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ।
हटाएंजी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरुवार (२७-०१ -२०२२ ) को
'गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ....'(चर्चा-अंक-४३२३) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
बहुत बहुत आभार अनीता जी, रचना के चयन के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद, गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और असंख्य बधाइयां 👏👏💐💐
हटाएंबहुत सुंदर राष्ट्रीय भावना को उकेरती कविता।हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत आभार आदरणीय जयकृष्ण जी,आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया से सृजन सार्थक हो गया ।आपको मेरा सादर अभिवादन । आपको सपरिवार गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ।
हटाएंबहुत सुंदर, गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार विनीता जी, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को हार्दिक नमन और वंदन । आपको सपरिवार गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ।
जवाब देंहटाएंभगवान बचाए हमारे गणतंत्र को !
जवाब देंहटाएंजिन्होंने हमको आज़ादी दिलवाई, वो मुट्ठी भर थे लेकिन जो हमारी आज़ादी को गिरवी रखना चाहते हैं या फिर उसे समूचा बेचना चाहते हैं, वो हजारों-लाखों की संख्या में हैं.
बहुत बहुत आभार आदरणीय सर 💐👏
हटाएंपत्ता पत्ता तिनका तिनका
जवाब देंहटाएंतेरा आज ऋणी है ।
तेरे त्याग तपस्या से
सिंचित अपनी धरणी है ।।
वीर पुरुष ओ वीर सिपाही
वतन है तेरे हवाले
आज़ादी के मतवाले
बहुत ही खूबसूरत भाव से सजी सुन्दर रचना!
सूर वीरों के लिए कुछ पंक्तियाँ!
आजादी के मतवाले हम तेरे ऋणी है
क्योंकि हम आंतरिक कलह को भी दूर करने में असमर्थ है!
शर्म आती है हमें खुद पर
तुम लड़ते हो बाहरी दुश्मन से सीमा पर!
और हम आपस में ही लड़ते हैं!
नमन्🙏
बिलकुल सही कहा मनीषा आपने । प्रशंसनीय तथा सार्थक प्रतिक्रिया ही नव सृजन का आधार है । बहुत शुभकामनाएं प्रिय मनीषा 💐💐
हटाएंआज़ादी जिसने दिलवायी
जवाब देंहटाएंअगर भूल जाएँगे
फिर से वही गुलामी होगी
दासत्व में घिर जाएँगे
दे सम्मान उन रणधीरों को
अपने शीश बिठा लें
आजादी के मतवाले
बिल्कुल सटीक लिखा आपने जिज्ञासा जी।
आजादी के इन मतवालों का जुनून है,इन्हेंजिसकी वजह से आज़ाद है आज हम,इन्हें भूलना गुनाह होगा।
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
सस्नेह।
बिलकुल सही कहा श्वेता जी आपने । प्रशंसनीय तथा सार्थक प्रतिक्रिया ही नव सृजन का आधार है । बहुत शुभकामनाएं प्रिय श्वेता जी💐💐
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रिय जिज्ञासा जी। आजादी के मतवालों की बदौलत ही आज हम स्वतंत्र फिज़ा में सांस ले रहे हैं। उनके ऋण से हम कभी उऋण नहीं हो सकते ।उनकी विरुदावली गाकर उन्हें याद रखना उन्हें सबसे बड़ी श्रद्धांजलि है। ऐसे वीरों को कोटि नमन करते हैं।
जवाब देंहटाएंजी, बिल्कुल सही कहा आपने । आपकी हर बात से सहमत हूं ।सादर नमन और वंदन ।
जवाब देंहटाएंजय हिन्द!
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