"जागृति" पिक्चर में कवि प्रदीप के लिखे गाने
"आओ बच्चों तुम्हें दिखाएँ झाँकी हिंदुस्तान की" की तर्ज़ पर लिखी "हिंदी दिवस" पर मेरी रचना:-
हिंदी अपनी जूझ रही है, भाषा के अधिकार में ।
आओ सुदृढ़, समृद्ध करें हम, और इसे संसार में ।।
हिंदी में है दम, हिंदी में है दम.....
आज मिलावट की भाषा को, लोग मान्यता देते हैं,
अंग्रेजी के लिए स्वयं की, भाषा पे लड़ लेते हैं,
अपनी हिंदी नौसिखिया, ज्ञानी बेचे बाजार में ।
आओ सुदृढ़, समृद्ध करें, हम और इसे संसार में ।।
हिंदी में है दम, हिंदी में है दम...
साँसों और लहू में बहती, हिंदी बहती रग में है,
अपनों ने ही हिंदी का, अपमान किया इस जग में है,
हिंदी अपनी भाषा है, अंग्रेजी मिली उधार में ।
आओ सुदृढ़, समृद्ध करें, हम और इसे संसार में ।।
हिंदी में है दम, हिंदी में है दम....
गहन व्याकरण की जननी, ये भाषाओं में उत्तम है,
विज्ञानी भी इसे मानते, ये भाषा सर्वोत्तम है,
पढ़ो, पढ़ाओ बच्चों को, बोली जाए परिवार में ।
आओ सुदृढ़, समृद्ध करें, हम और इसे संसार में ।।
हिंदी में है दम,हिंदी में है दम...
हिंदी है जन जन की भाषा, अपना उसका गौरव है,
इसे बोलना और समझना, बड़ा सरल औ सौरव है,
शामिल करना हमें इसे है, जन जन के उद्गार में ।
आओ सुदृढ़, समृद्ध करें हम और इसे संसार में ।।
हिंदी में है दम, हिंदी में है दम...
**जिज्ञासा सिंह**
काम बहुत है कम, फिर काहे का दम?
जवाब देंहटाएंभाषा तो दमदार है, पर लोग समझते कहां हैं ? आपको हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई आदरणीय सर 🙏💐
हटाएंबहुत बहुत सुंदर गीत लिखा आपने जिज्ञासा जी,मोहक भी प्रेरक भी,हमें अपनी भाषा के उत्थान में समर्पित होना होगा।
जवाब देंहटाएंहिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
सस्नेह।
जी, बिल्कुल हमें अपनी भाषा के उत्थान के लिए ज़रूर कार्य करने चाहिए । आपको भी हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई आदरणीय कुसुम जी💐🙏
जवाब देंहटाएंवह लोग हिंदी का अपमान इसलिए करते हैं क्योंकि वह सनातन धर्म से घृणा करते हैं. जो हिंदी से प्यार करते हैं वह सहमे से रहते हैं.
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत आभार आदरणीय, ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है, हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और बहुत-बहुत बधाई 💐💐
जवाब देंहटाएंबेहतरीन अभिव्यक्ति, विश्व हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका । आपकी प्रशंसा को हार्दिक नमन एवम वंदन । विश्व हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई 💐💐
हटाएंबहुत बहुत ही सुंदर सृजन।
जवाब देंहटाएंआपको ढेरों शुभकामनाएँ।
सादर
रचना की सराहना भरी प्रतिक्रियाके लिए आपका आभार एवम वंदन । विश्व हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई 💐💐
हटाएंजी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (११-०१ -२०२२ ) को
'जात न पूछो लिखने वालों की'( चर्चा अंक -४३०६) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
अनीता जी, नमस्कार !
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच में रचना को शामिल करने के लिए आपका हार्दिक आभार एवम अभिनंदन, मेरी हार्दिक शुभकामनाएं 💐💐🙏🙏
हिंदी हमारी मातृभाषा हमारा अभिमान ।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका । ब्लॉग पर आपकी उपस्थिति और बहुमूल्य प्रतिक्रिया का हार्दिक स्वागत करती हूं ।
हटाएंबहुत सुंदर अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार अनुराधा जी, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया का हार्दिक स्वागत करती हूं ।
हटाएंबहुत ही बेहतरीन रीजन!
जवाब देंहटाएंबेशक हम बहुत सी भाषाएं बोलते हैं पर यह बात भी सच है कि अधिकतर हिंदुस्तानी को हिंदी पर नाज है!अगर हम हिंदी को सम्मान देंगे तो किसी की हिम्मत नहीं है की अंग्रेजी ना आने पर हमारी हिंदी पर हंसे और अपमान करें!
सादर🙏
प्रिय मनीषा तुम्हारी सारगर्भित प्रतिक्रिया का हार्दिक स्वागत करती हूं, विश्व हिन्दी दिवस की तुम्हें मेरी हार्दिक शुभकामनाएं ।
हटाएंसुन्दर एवं सार्थक गीत को पढ़ते हुए न जाने कैसे आपकी गुनगुनाहट भी सुनाई देने लगी । जिसे आप इसे रचते हुए लय में पिरोया होगा । मधुर गुंजन ।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब, आपकी दूरदर्शिता की कायल हो गई, अमृता जी स्कूली दिनों में सांस्कृतिक कार्यक्रम में मैं बहुत जोश से गाती थी, वो जोश आज भी घर के माहौल में भी कायम करने की कोशिश रहती है ।
हटाएंआप मेरे ग्रुप की लीडर निकलीं, ये गीत बिना गाए लिखे ही नहीं जा सकते । मेरे बहुत से गीत मेरे गायन की उपज हैं,खासतौर से लोकगीत 😀
बहुत बहुत आभार आपका बचपन की सैर करने के लिए 💐💐
अद्भुत! कमाल की लयबद्धता... बहुत सुन्दर!
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत आभार आदरणीय सर,आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया मेरे नव सृजन का आधार बनेगी ।आपको मेरा नमन और वंदन 🙏💐
जवाब देंहटाएंआपके पृष्ठ पर दीर्घकाल के उपरांत आया जिज्ञासा जी तो इस सुंदर गीत से परिचय हुआ। हम तो इसे गाएंगे ही, आप भी गाइए। यदि यूट्यूब या किसी अन्य स्थल पर इसके गायन को प्रस्तुत करें तो लिंक दीजिएगा। रही बात प्रशंसा की तो आपकी रचनाओं के निमित्त 'प्रशंसा' शब्द अत्यन्त लघु प्रतीत होता है, पाठक का शीश नत हो जाता है आपकी लेखनी के समक्ष।
जवाब देंहटाएंआपकी उपस्थिति ने रचना के सृजन को सार्थक कर दिया । आपकी सराहना या मार्गदर्शन, हमेशा मेरे सृजन को उत्तम बनाने में सहायक रहता है,आपकी एक सारगर्भित प्रतिक्रिया की कमी हमेशा खलती है, सच कहूं तो आप जैसे विद्वतजन के बिना ब्लॉग जगत सूना हो हो जाता है ।
जवाब देंहटाएंआपने अपने ब्लॉग पर बहुत दिनों से कोई पोस्ट नहीं डाली । आपकी पोस्ट का इंतजार है आदरणीय सर, मेरा आपको विनम्र अभिवादन 🙏💐