शौर्य के प्रतीक

सैनिकों की शहादत को शत शत नमन🙏💐
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आसमाँ से फूल बरसे आसमाँ से ।
जा रहा देखो सितारा इस जहाँ से ।।

वीर जो लिपटा तिरंगे में चला है,
हर दिशा में शौर्य उसका उड़ रहा है ।
वो महामानव, जगत से अलविदा कह,
देश का गौरव बढ़ा के जा रहा है ।।
चल रही है जिसके संग में ये जमी
आन दिखती है यहां से और वहां से ।।

झुक गया बियबान भी कदमों में उसके,
और चिड़ियों का चहकना रुक गया है ।
पुष्प भी मुरझा गए हैं आज ऋतु के,
भ्रमर का भी गुनगुनाना थम गया है ।।
प्रकृति ने ओढ़ी थी जो धानी सी चादर,
ढक गई है शोक में वो कालिमा से ।।

वो सजग था, वीर था, रणधीर था वो
भारती का लाल सोया नींद गहरी।
वो मुकुट है, शान है अभिमान है वो
वो हमारा मान, वो है राष्ट्र प्रहरी ।।
उसने तन मन धन सभी कुछ राष्ट्र माना,
हम बताएँगे देश के नौजवाँ से ।।

**जिज्ञासा सिंह**

16 टिप्‍पणियां:

  1. आसमाँ से फूल बरसे आसमाँ से ।
    जा रहा देखो सितारा इस जहाँ से ।।
    अमर शहीदों को समर्पित बहुत ही भावपूर्ण एवं हृदयस्पर्शी
    लाजवाब सृजन।

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  2. सृजन को सार्थक करती प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत आभार सुधा जी ।

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  3. आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (16-02-2022) को चर्चा मंच      "भँवरा शराबी हो गया"    (चर्चा अंक-4343)      पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार कर चर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
    -- 
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    शहीदों को नमन...।
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'    

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    1. आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय शास्त्री जी । मेरी रचना को चर्चा मंच में स्थान देने के लिए आपका हार्दिक अभिनंदन ।मेरी हार्दिक शुभकामनाएं ।

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  4. सजग था, वीर था, रणधीर था वो
    भारती का लाल सोया नींद गहरी।
    वो मुकुट है, शान है अभिमान है वो
    वो हमारा मान, वो है राष्ट्र प्रहरी ।।
    राष्ट्र के गौरव अमर सपूतों को समर्पित बहुत ही भावपूर्ण एवं हृदयस्पर्शी सृजन ।
    शहीदों को शत शत नमन ।

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  5. आपका हार्दिक आभार मीना जी आपकी सार्थक प्रतिक्रिया ने सृजन को सार्थक कर दिया ।

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  6. नमन है माँ भारती के सुपुत्रों को जिन्होंने जान की बाजी लगा दी ... आँखें नाम हो गईं ...

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    1. बहुत बहुत आभार दिगम्बर जी । आपकी सार्थक प्रतिक्रिया को मेरा नमन और वंदन ।

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  7. वीर सपूतों को समर्पित बहुत ही उम्दा सृजन!
    आज भी वह दिन याद है हमें जब पुलवामा हमले में हमारे वीर सपूतों को अपनी जान गवानी पड़ी थी!जब भी कोई वीर सपूत शहीद होता है अपने देश के लिए! तब अक्सर मैं सुनती हूं यह कहते हुए नेताओं से लेकर आमजन सभी को कि हमें गर्व है हमारे वीर सपूतों पर! मुझे भी वीर सपूतों पर गर्व होता है पर सच कहूं तो मुझे ऐसी मौत पर गर्व नहीं होता है और मुझे लगता है कि कोई भी सैनिक ऐसी मृत्यु नहीं चाहता होगा!हर सैनिक का सपना होता है तिरंगे मे लिपटने की पर लड़ते लड़ते शहीद होने की चाह होती है अपने देश के दुश्मनों को धूल चटाने की चाह होती है! न कि यूँ ही बिना लड़े!
    हमारे देश के वीर सपूतों को शत् शत् नमन्! 🙏🙏🙏

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  8. रचना को विस्तार देती तुम्हारी सार्थक प्रतिक्रिया का स्वागत और अभिनंदन ।

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  9. सजग था, वीर था, रणधीर था वो
    भारती का लाल सोया नींद गहरी।
    वो मुकुट है, शान है अभिमान है वो
    वो हमारा मान, वो है राष्ट्र प्रहरी ।।
    उसने तन मन धन सभी कुछ राष्ट्र माना,
    हम बताएँगे देश के नौजवाँ से... सादर नमन।
    शब्द शब्द हृदय में उतर गए। सराहनीय अभिव्यक्ति।
    सादर

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  10. वो सजग था, वीर था, रणधीर था वो
    भारती का लाल सोया नींद गहरी।
    वो मुकुट है, शान है अभिमान है वो
    वो हमारा मान, वो है राष्ट्र प्रहरी ।।
    उसने तन मन धन सभी कुछ राष्ट्र माना,
    हम बताएँगे देश के नौजवाँ से ।।
    वीर सपूतों को शत् शत् नमन।
    बेहतरीन रचना जिज्ञासा जी।

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  11. बहुत बहुत आभार आपका अनुराधा जी ।

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  12. अपने सैनिकों की शौर्य गाथा पढ़ते हुए गर्व से सिर ऊँचा हो जाता है और उनकी शहादत पर आँख नम हो जाती है ।
    भावनाओं को इस रचना में बहुत सुंदरता से पिरोया है ।

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