माँ शारदे की प्रीत थीं
बसती रहीं हर हृदय में,
बन भोर की उद्गीत थीं ।
शिशुकाल में लोरी सुना
वो माँ सी मन पे छा गईं
हर यौवना को प्रीत धुन से
चाँद पर पहुँचा गईं
प्रेम की सरगम सुहानी
हर हृदय की मीत थीं
दुख की घड़ी सुख का मिलन
हर भाव सिंचित हो नयन
ले आबरू कर जुस्तजू
जुड़ता रहा हर आम जन
टूटे हुए की आसरा
हारे हुए की जीत थीं
कौतुकी आवाज़ का
कायल रहा संसार सुन
गौण हो जाती कृति
मधु सी बहे रसधार धुन
वागीश्वरी की नंदिनी
लेती ह्रदय वे जीत थीं ।।
**जिज्ञासा सिंह**
सुंदर शब्दों में लता जी को उतार दिया है । नमन
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत आभार आदरणीय दीदी👏💐
हटाएंप्रेम की सरगम सुहानी
जवाब देंहटाएंहर हृदय की मीत थीं
स्वर कोकिला लता दीदी के बारे में यह पंक्तियाँ बिल्कुल सच है।बहुत सुंदर और सार्थक अभिव्यक्ति।
बहुत बहुत आभार अनुराधा जी👏👏
हटाएंस्वर कोकिला को शत-शत नमन !
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आदरणीय सर 👏💐
हटाएंवाह! सुंदर!!!
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका आदरणीय 👏💐
हटाएंआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 9 फरवरी 2022 को लिंक की जाएगी ....
जवाब देंहटाएंhttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
अथ स्वागतम् शुभ स्वागतम्
पम्मी जी,नमस्कार👏
जवाब देंहटाएं"पांच लिंकों का आनंद" में मेरी रचना को शामिल करने के लिए आपका हार्दिक आभार एवम अभिनंदन । मेरी हार्दिक शुभकामनाएं ।
बहुत बढ़िया प्रिय जिज्ञासा जी मां बागीश्वरी की ये अनूठी और विलक्षण नंदिनी भारतभूमि का परम सौभाग्य है। हरेक अवसर पर उनके गीतों की उपस्थिति उन्हें संगीत प्रेमियों की स्मृतियों से कभी भी ओझल नहीं होने देगी। सुर सम्राज्ञी लता मंगेशकर जी की पुण्य स्मृति को कोटि नमन 🙏🌷🌷🙏
जवाब देंहटाएंआपकी सार्थक प्रतिक्रिया नेसेजन को सार्थक कर दिया । नमन सहित वंदन ।
हटाएंलता मंगेशकर जी पर लिखी गई बहुत ही खूबसूरत वा भावनात्मक रचना! एकदम लता जी की तरह सबसे अलग सबसे बेहतरीन और सबसे खूबसूरत! स्वर कोकिला लता मंगेशकर जी को कोटि-कोटि नमन🙏
जवाब देंहटाएंसार्थक प्रतिक्रिया के लिए बहुत आभार प्रिय मनीषा ।
हटाएंदुख की घड़ी सुख का मिलन
जवाब देंहटाएंहर भाव सिंचित हो नयन
ले आबरू कर जुस्तजू
जुड़ता रहा हर आम जन
टूटे हुए की आसरा
हारे हुए की जीत थीं
वाह!!!
स्वर कोकिला की स्मृति एवं सम्मान में बहुत ही हृदयस्पर्शी लाजवाब सृजन।
विनम्र श्रद्धांजलिलता जी को🙏🙏🙏🙏
आपकी प्रतिक्रिया सृजन को सार्थक कर देती है ।बहुत आभार सखी
जवाब देंहटाएंलता जी को नमन
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना का सृजन
बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय दीदी ।
हटाएंबहुत सुंदर, अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार भारती जी ।
जवाब देंहटाएंकौतुकी आवाज़ का
जवाब देंहटाएंकायल रहा संसार सुन
गौण हो जाती कृति
मधु सी बहे रसधार धुन
वागीश्वरी की नंदिनी
लेती ह्रदय वे जीत थीं ।।
लता जी को समर्पित सुन्दर सृजन । लता जी को शत शत नमन 🙏
बहुत बहुत आभार मीना जी । आपकी मनोबल बढ़ाती प्रतिक्रिया का हार्दिक स्वागत करती हूं ।
जवाब देंहटाएंबेहद ही खूबसूरत । लता जी को बड़े ही सुंदर शब्दों में उतार दिया आपने ।
जवाब देंहटाएंसादर ।
बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय ।
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