ठेलिया वाला गुल्ले
लाया गट्टा लइया भूजा ।
झपट पड़े कलुआ चुनमुनिया
पम्पी सिम्पी सुरजा ॥
पम्पी गट्टा लिए भागता
सिम्पी लेकर लैया ।
पीछे पीछे दौड़ा कलुआ
थोड़ा दे दो भैया ॥
मेरे जैसा प्यारा भाई
नहीं मिलेगा दूजा ॥
कौन सुने खाने की धुन में
चूहे पेट में कूदें ।
पहले अपनी भूख मिटे
तब भला किसी को दें ॥
सरफ़र सरफ़र बिना रुके
है करनी पेटपूजा ॥
मची हुई है धमाचौकड़ी
भरना सबको पेट ।
छुड़ा रहा बच्चों को गुल्ले
लेकर चिकना बेंट ॥
बिखरा भूजा मार पड़ी
है सबका गाल सूजा ॥
अम्मा उलझीं देख तमाशा
रोते भूखे बच्चे ।
झपट पड़ीं गुल्ले से बोली
इससे भूखे अच्छे ॥
आग लगे तुझमें, भूजे में
बरै मुआँ भड़भूजा ॥
**जिज्ञासा सिंह**
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" सोमवार 11 जुलाई 2022 को साझा की गयी है....
जवाब देंहटाएंपाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
बहुत बहुत आभार आपका दीदी ।
हटाएंसुंदर अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार ज्योति जी ।
हटाएं
जवाब देंहटाएंजी नमस्ते ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार(११-०७ -२०२२ ) को 'ख़ुशक़िस्मत औरतें'(चर्चा अंक -४४८७) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
चर्चा मंच में रचना शामिल करने के लिए बहुत आभार प्रिय अनीता जी, आपकी ये पोस्ट स्पैम में चली गई थी। मेरी हार्दिक शुभकामनाएं ।
हटाएंसजीव चित्रण
जवाब देंहटाएंबहुत आभार आदरणीय दीदी।
हटाएंक्या चित्र खींचा है । बहुत बढ़िया ।
जवाब देंहटाएंआपकी प्रतिक्रिया सृजनात्मकता का संबल है ।बहुत आभार आदरणीय दीदी।
हटाएंज़ोरदार भाषा और अनोखा अंदाज !
जवाब देंहटाएंआपके प्रोत्साहन नव सृजन का आधार है । आपको मेरा नमन ।
जवाब देंहटाएंभाव पूर्ण श्रेष्ठ रचना
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार संजय जी ।
हटाएंअम्मा उलझीं देख तमाशा
जवाब देंहटाएंरोते भूखे बच्चे ।
झपट पड़ीं गुल्ले से बोली
इससे भूखे अच्छे ॥
आग लगे तुझमें, भूजे में
बरै मुआँ भड़भूजा ॥
.. पेट की आग क्या होती है, बखूबी चित्रण किया है आपने
बहुत बहुत आभार कविता जी ।
हटाएंसंवेदनाओं से भरपूर यथार्थ चित्रित करती सुंदर कविता।
जवाब देंहटाएंहृदय स्पर्शी सृजन।
बहुत बहुत आभार कुसुम जी ।
हटाएंजी उम्दा अभिव्यक्ति ।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आदरणीय।
हटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका अनुराधा जी ।
हटाएंसंवेदनाओं से भरपूर बहुत ही हृदयस्पर्शी रचना! सभी किरदार को आपने अपने आनोखे शब्दों से सजीव कर दिया है! ऐसा लगता है सारा दृश्य आंखों के सामने हो! साधुवाद मैम.....🙏🙏
जवाब देंहटाएंबहुत आभार प्रिय मनीषा।
जवाब देंहटाएंदिल छू! लेने वाली बात...! बहुत खूब...! अभी पढ़े और जाने
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