मेह मल्हार.. अनुप्रास अलंकार में पावस गीत का प्रयास

  

मुदित मन मोहित मेह मल्हार 


घनन-घनन घनघोर घटा घन

घनन घनन घन घन घन 

छनन छनन छन छम्मक-छम्मक

छमक छमक छम छन छन 

झूम-झूम झंकार झनक झन

झमक झमक झम झमझम

चमक चमक चमकार चमक चम 

चपला चमचम चमचम


बूँद-बूँद बरसे बुंदियाँ

बड़बोली बहत बयार।

मुदित मन मोहित मेह मल्हार॥


कोकिल कुहुक कूजती कानन

किसलय कोपल कुसुमित कुञ्जन

साँझ सुशोभित सज्जित सुंदर 

स्वर संगीत सुमृदुल सुहावन

अंबुद अमिय अनंदित अतुलित

अभिसिंचित अभिनंदन 


नाचत नीलकंठ नभ निरखत 

नेबुला नैन निहार।

मुदित मन मोहित मेह मल्हार॥


डमरू डमडम डमक डमक डम

डमडम डमडम डमडम

शिवशंकर शम्भू शुभंकर

शतरुद्रिय शिवोहम

मणिमुक्तक मंजरी मुकुट

महिमामंडित मधु मावस

पल्लव पुष्प पयोधि पयस

प्रिय पावन प्रमुदित पावस


आशुतोष आनंद आप्लावित

आदिदेव आधार।

मुदित मन मोहित मेह मल्हार॥


जिज्ञासा सिंह

7 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" मंगलवार 15 अगस्त 2023 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !  

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  2. अनुप्रास अलंकार की अनोखी छटा बिखेरी है आपने जिज्ञासा जी, इसे गा-गा कर पढ़ने का आनंद उठाया, बधाई इस सुंदर सृजन के लिए!!

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  3. बहुत बहुत आभार दीदी।
    आपकेवगायन का वीडियो होता तो मैं भी आनंद उठाती 😀

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  4. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" गुरुवार 07 दिसम्बर 2023 को लिंक की जाएगी ....  http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

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