हे हँसवाहिनी सरस्वती
खोलो मेरे मन का दर्पण
मेरे कर कमलों में शोभित
ये पुष्पहार करना अर्पण॥
कुंजन वन बीच सरोवर में
नित हंस विचरता था अनमन
माँ स्नेह आपका मिला अतुल
शरणागत आ बैठा चरनन
हम विहग जगत में भटक रहे
निज पंथ खोजते हैं कण-कण॥
न वेदपुराण पढ़े हमने
जानूँ ना गीता रामायण
नैनों में बसी एक छवि मनहर
शब्दों का कराती पारायण
इस शब्दमोह प्रेमी मन को
देना माँ निरंतरता क्षण-क्षण॥
माँगूँ सानिध्य आपका मैं
माँ ज्ञान मिले अज्ञान हटे
हम नित अनुभव के धनी बनें
कल्पना लोक में रहें डटे
पाठन औ पठन ही जीवन हो
जीतें अबोधता से हर रण॥
जिज्ञासा सिंह
🌼बसंत पंचमी की हार्दिक बधाई🌼
न वेदपुराण पढ़े हमने
जवाब देंहटाएंजानूँ ना गीता रामायण
नैनों में बसी एक छवि मनहर
शब्दों का कराती पारायण
इस शब्दमोह प्रेमी मन को
देना माँ निरंतरता क्षण-क्षण॥
बहुत ही सुन्दर सरस्वती वंदना जिज्ञासा जी
बसंत पंचमी और प्रेम दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं आपको 🙏 🙏
बहुत बहुत आभार सखी मनोबल बढ़ाती प्रतिक्रिया के लिए ।🫡🫡
हटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 15 फरवरी 2024 को लिंक की जाएगी ....
जवाब देंहटाएंhttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!
!
रचना के चयन के लिए आपका हार्दिक आभार आदरणीय सर।
जवाब देंहटाएंमाँ शारदे को नमन
जवाब देंहटाएंवाह
जवाब देंहटाएंसामयिक,अच्छी कामना
जवाब देंहटाएंकुंजन वन बीच सरोवर में
जवाब देंहटाएंनित हंस विचरता था अनमन
माँ स्नेह आपका मिला अतुल
शरणागत आ बैठा चरनन
हम विहग जगत में भटक रहे
निज पंथ खोजते हैं कण-कण॥
बहुत सुन्दर पंक्तियाँ
कुंजन वन बीच सरोवर में
जवाब देंहटाएंनित हंस विचरता था अनमन
माँ स्नेह आपका मिला अतुल
शरणागत आ बैठा चरनन !
कितनी सुंदर पंक्तियाँ ! सच्चे मन से सृजित सार्थक, निर्मल प्रार्थना !!!
बहुत सुंदर भावभीनी प्रार्थना
जवाब देंहटाएंकुंजन वन बीच सरोवर में
जवाब देंहटाएंनित हंस विचरता था अनमन
माँ स्नेह आपका मिला अतुल
शरणागत आ बैठा चरनन
हम विहग जगत में भटक रहे
निज पंथ खोजते हैं कण-कण॥
बहुत ही भावपूर्ण ..
भक्तिभाव से ओतप्रोत प्रार्थना
माँ शारदे की कृपा आप पर सदा यूँ ही बनी रहे।
माँ सरस्वती की भक्ति भाब से स्तुति करती अनुपम अभिव्यक्ति ।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर गीत हुआ दीदी
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रार्थना
जवाब देंहटाएंदिल छू! लेने..! वाली बात...! बहुत खूब...! अभी पढ़े और जाने
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर गीत
जवाब देंहटाएंजी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना शुक्रवार ८ मार्च २०२४ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
बहुत ही सुन्दर गीत के लिए बधाई
जवाब देंहटाएं