एक नमन हमारा ले लो ही भारत भूमि पियारी
मस्तक तेरे तिलक लगाएँ चंदा तारे सूरज
निशदिन जल से चरण पखारें गंगा जमुना सतलुज
अंतरिक्ष तक चमके उज्ज्वल छवी तुम्हारी
ऋषियों मुनियो ने जब खोली घनी जटाएँ
जा अम्बर पे लिख दीं सुंदर वेद ऋचाएँ
अंतर्मन के चक्षु खुले और खिली ज्ञान की क्यारी
आर्यभट्ट का शून्य, व्यास का गीता ज्ञान निराला
वाल्मीकि की रामायण मीरा का गीत गोपाला
सूर और तुलसी की गाथा पढ़ती दुनिया सारी
मन में बसी अयोध्या औ मथुरा में प्राण हमारे ।
काशी मुक्ति मार्ग दिखलाती,मन में चारो धाम बसा रे
मातु पिता के चरणों की रज हमको जान से प्यारी
संविधान का मूलमंत्र ही है अभिमान हमारा
संस्कृति और सभ्यता का गुण देखा विश्व ने प्यारा
जब नरेंद्र की भरी सभा में गूंजी घंटों तारी
**जिज्ञासा सिंह**
बहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएंनमन।🌼🌻
बहुत बहुत आभार शिवम जी।
हटाएंहमारा भी नमन जिज्ञासा जी - भारत भूमि को भी तथा आपकी लेखनी को भी।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार जितेन्द्र जी, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को हार्दिक नमन एवम वंदन ।
जवाब देंहटाएंजी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा आज शनिवार (१४-०८-२०२१) को
"जो करते कल्याण को, उनका होता मान" चर्चा अंक-४१५६ (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
मेरी रचना के चयन के लिए आपका बहुत बहुत आभार प्रिय अनीता जी,बहुत शुभकामनाएं और अभिनंदन आपका🙏🙏💐💐
हटाएंबहुत बहुत प्यारा मन को लुभाता गीत आपका जिज्ञासा जी।
जवाब देंहटाएंसुंदर तथ्यों को सुंदरता से कह रहा है ये गीत।
अप्रतिम।
बहुत बहुत आभार आपका,आपको मेरा सादर नमन एवम वंदन ।
हटाएंबहुत सुन्दर !
जवाब देंहटाएंवैसे जिज्ञासा, तुम किस नरेंद्र की बात कर रही हो?
बहुत बहुत आभार आपका,आपको मेरा सादर नमन एवम वंदन । सर आपको क्या बताना ? एक गुरु को शिष्य क्या बतायेगा ।
हटाएंसच कहा आपने, संस्कृति हमारा साझा अभिमान है। हम सबको गर्व भी हो और परस्पर आत्मीयता भी।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका,आपको मेरा सादर नमन एवम वंदन
हटाएंबहुत सुंदर व्याख्यान | उत्कृष्ट सृजन |
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका,आपको मेरा सादर नमन एवम वंदन
हटाएंसारे जगत से न्यारी, धरती माँ हमारी
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका,आपको मेरा सादर नमन एवम वंदन
हटाएंभारत भूमि को नमन। ज्ञानवर्धक और सार्थक सृजन के लिए आपको शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका,आपको मेरा सादर नमन एवम वंदन
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका आदरणीय सिन्हा जी ।
हटाएंबहूत सुंदर।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार ज्योति जी।
हटाएंसार्थक सृजन
जवाब देंहटाएंबहुत आभार दीदी ।
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