जंगल में सावन ( बाल कविता )


इकतारे पे गाय रही कोयलिया
झूमती मोरनी, तोता, तीतर, गौरैया

दृश्य है,सुंदर मधुर सुहावन
झूमता संग संग सारा मधुबन
आ गई मैना होठों पे रक्खे बाँसुरिया

मेंढकों ने तबले पे छेड़ी है जो सरगम
नगाड़े झूम बजाएं भालूराजा डमडम
नाचती घूम रही हिरनी बांधे पैजनियां

बिलों से झाँक रहे हैं गोजर, बिच्छू, चींटी
बदलता रंग, बजावे नन्हा गिरगिट सींटी
नाग ने काढ़ा फन औ झूम उठी नागिनिया

आ गए जंगल के राजा बैठे सिंहासन 
सामने हाथी घोड़ा जमा के बैठे अपना आसन
सियारों और गंधों के बीच दिखावे करतब है बाँदरिया  

जाके बगुलों और बतखों ने बिगुल बजाया
मची है जंगल में दुंदुभी,झूम कर सावन आया
भीगकर मगन हो रहे, झीलों में कछुआ माछरिया

**जिज्ञासा सिंह**

31 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर बाल कविता रची आपने जिज्ञासा जी। अपने बचपन के 'चंपक' वाले दिन याद आ गये।

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    1. आपका बहुत बहुत आभार जितेन्द्र जी,बचपन याद दिलाने का मेरा इरादा भी था।

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  2. अहा, बहुत सुन्दर।
    जंगल में आनन्द मचा है,
    देखो जाकर, कौन बचा है?

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    1. आपकी प्रतिक्रिया मन मोह गई,आपको मेरा सादर नमन।

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  3. नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा बुधवार (11-08-2021 ) को 'जलवायु परिवर्तन की चिंताजनक ख़बर' (चर्चा अंक 4143) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है। रात्रि 12:01 AM के बाद प्रस्तुति ब्लॉग 'चर्चामंच' पर उपलब्ध होगी।

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    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।

    #रवीन्द्र_सिंह_यादव

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    1. रवीन्द्र भाई,नमस्कार !
      मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए आपका हार्दिक आभार एवम नमन। शुभकामनाओं सहित जिज्ञासा सिंह।

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  4. बहुत बहुत आभार नितीश जी, आपका हार्दिक आभार एवम अभिनंदन।

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  5. बहुत बढ़िया प्रस्तुति प्रिय जिज्ञासा जी। बच्चों के लिए सुहाना सृजन। जंग के सावन केबहाने से वन्य प्राणियों की सजीव गतिविधियों की जो झांकी सजाई गई है वह मनभावन है। रोचक बाल रचना के लिए हार्दिक बधाई 🌷🌷💐💐

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    1. बहुत बहुत आभार रेणु जी,आपकी प्रशंसनीय टिप्पणी को मेरा नमन।

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  6. बहुत मनमोहक सृजन ।आपकी इस रचना ने 'चंपक' के पात्रों की याद दिला दी :-)

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    1. बहुत बहुत आभार आपका मीना जी,आपकी प्रशंसा को मेरा सादर नमन।

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  7. वाह !!मनमोहक बाल गीत जिज्ञासा जी,काश हम भी उन्ही की तरह सावन में झूम पाते.... सादर नमन

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  8. जी,सही कहा सखी आपने,आपकी प्रशंसा को सादर नमन।

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    1. बहुत बहुत आभार आपका । आपको मेरा सादर नमन 🙏🙏💐💐

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    1. बहुत बहुत आभार आपका ।आपको मेरा सादर नमन आदरणीय ।

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  11. वाह कितना सुंदर बाल गीत , बच्चों के पाठ्यक्रम में चयनित होने जैसा ,इसे पढ़कर लगता है हम फिर से छोटे-छोटे हो गये,।
    बहुत सुंदर जिज्ञासा जी।
    चुन-चुन करती आई चिड़िया.... वाले दिन।

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  12. आपकी टिप्पणी से अभिभूत हूं, आपको मेरा सादर नमन एवम वंदन 🙏🙏💐💐

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  13. बाल सुलभ भावनाओं से ओतप्रोत कविता बहुत ही प्यारी लगी - - अभिनन्दन आदरणीया।

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  14. बहुत बहुत आभार आदरणीय शांतनु जी, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को हार्दिक नमन ।

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  15. बहुत ही प्यारी बाल कविता! प्रकृति का वर्णन बहुत ही खूबसूरत शब्दों में व्यक्त किया है आपने!

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  16. Thanks for this poem.

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