झरनों का संगीत


झरनों का संगीत सुना तो होगा
मद्धिम गाते गीत सुना तो होगा
कल कल छन छन उज्ज्वल सी बहती धारा का 
आते जाते प्रीत सुना तो होगा

कितने प्रस्तर कितने कंटक राह में आए
सबके सम्मुख अपना मस्तक सदा उठाए
बूंद बूंद से सागर की लहरों की मानिंद
हार में भी एक जीत सुना तो होगा

झरना झर झर अपना सब कुछ देता झाड़
कितना हो दुर्गम, कितना हो खड़ा पहाड़
चलकर रुकना, बीच में थकना न जाने वो
सदा विजय की नीत सुना तो होगा

राह में मिलती गंध छोड़ता जाता वो
नभ की मधुर सुगंध धरा पर लाता वो
नैनो में बस जाता, हिय की प्यास बुझाता
हर मन का मनमीत सुना तो होगा

**जिज्ञासा सिंह**

36 टिप्‍पणियां:

  1. झरने के सुर में सुर मिलाता मनमोहक सृजन प्रिय जिज्ञास जी 👌👌!, झरने की अपनी लय अपना संगीत होता है औरजीवट प्रवाह कथा होती है। बहुत बढ़िया प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।🌷🙏🌷🌷

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    1. प्रिय रेणु जी, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया का हार्दिक स्वागत है आपको मेरा नमन एवम वंदन।

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  2. सादर नमस्कार,
    आपकी प्रविष्टि् की चर्चा शनिवार (07-08-2021) को "नदी तुम बहती चलो" (चर्चा अंक- 4149) पर होगी। चर्चा में आप सादर आमंत्रित हैं।
    धन्यवाद सहित।

    "मीना भारद्वाज"

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    1. आदरणीय मीना जी, नमस्कार !
      चर्चा मंच में मेरी रचना के चयन के लिए आपका हार्दिक आभार एवम अभिनंदन। सादर शुभकामनाओं सहित जिज्ञासा सिंह।

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  3. आदरणीय सर आपकी प्रशंसा ने कविता को सार्थक कर दिया, आपका बहुत बहुत आभार ।

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    1. आपका बहुत बहुत आभार अनुराधा जी,आपको मेरा सादर नमन।

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  5. झरने के तरह ही गतिमान काव्य का प्रवाह, स्पष्ट सुनायी पड़ रहा है। सुन्दर सृजन।

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    1. आपका बहुत बहुत आभार प्रवीण जी,आपको मेरा सादर नमन।

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  6. हम प्रकृति से दूर क्या हुए, गीत-संगीत से भी अपरिचित से हो गए.

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    1. आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय सर, आपको मेरा सादर नमन।

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  7. बहुत बढियां, झरना गीत गाती हिय की प्यास बुझाती

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    1. आपका बहुत बहुत आभार विनीता जी,आपको मेरा सादर नमन।

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    1. ब्लॉग पर आपकी टिप्पणी का हार्दिक स्वागत है, आपका बहुत बहुत आभार अनिल जी,आपको मेरा सादर नमन।

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    1. आपका बहुत बहुत आभार ओंकार जी,आपको मेरा सादर नमन।

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    1. आपका बहुत बहुत आभार अनुपमा जी,आपको मेरा सादर नमन।

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  11. बहुत सुंदर और गहन रचना...। भावों से परिपूर्ण...।

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    1. आपका बहुत बहुत आभार संदीप जी, आपको मेरा सादर नमन।

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  12. बहुत सुंदर जिज्ञासा जी! झरने के मधुर कलछल सी सुंदर रचना , निरंतर चलती प्रवाह लिए।
    प्रकृति का अनुपम उपहार है झरने ।
    बहुत बहुत सुंदर।

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  13. आपकी सुंदर प्रतिक्रिया रचना को सार्थक कर गई,आपको मेरा सादर नमन।

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  14. नैनो में बस जाता, हिय की प्यास बुझाता।
    सुंदर सृजन आदरणीय , बहुत बधाइयाँ ।

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  15. अनीता जी आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को नमन एवम वंदन।

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  16. बिल्कुल सुना है झरने का संगीत और अब तो गीत भी पढ़ लिया । बहुत सुंदर ।

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  17. आपने झरने को और मेरे गीत दोनो को ही अपने शब्दों से सार्थक कर दिया आपको मेरा नमन और वंदन।

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  18. बहुत बहुत आभार आपका । आपकी टिप्पणी से रचना सार्थक हो गई, आपको मेरा सादर नमन एवम वंदन

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