हार में जीत


मेरी हर हार में जीत उनकी हुई, 
सिलसिला जीत का कारवां बन गया।
दायरे में सजी थी जो दुनिया मेरी 
दायरा ख़ूबसूरत मकां बन गया ।।

थी जो बचपन में माँ से कहानी सुनी
एक कछुए की मद्धिम रवानी सुनी
जब भी खरगोश दौड़ा उसे छोड़कर
थक गया रुक गया राह के मोड़ पर 

उस कहानी की चूलों में उलझे कई
प्रश्न का हल मेरा आसमां बन गया।।

वो कथा मेरे मन में गई है अटक
बूंद पानी की कागा तलाशे भटक
कर्म के पंख साजे वो उड़ता रहा
आस विश्वास का रंग जड़ता रहा

डूब कंकड़ पिपासा बुझाता रहा
था जो मिट्टी का घट वो कुआं बन गया ।।

शीश ऊपर सजा एक चिकना घड़ा 
खुर उधारी में देकर गया चौगड़ा
दौड़ लगती रही जीतने के लिए
धार धरकर घड़ा शीश माथे चुए

मैं फंसी धार की जब भी मझधार में
एक कछुआ मेरा हौसला बन गया ।।

**जिज्ञासा सिंह**

27 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (10-09-2022) को  "श्री गणेश चतुर्थी और विश्व साक्षरता दिवस"   (चर्चा अंक-4548)  पर भी होगी।
    --
    कृपया कुछ लिंकों का अवलोकन करें और सकारात्मक टिप्पणी भी दें।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 

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    1. जी, जरूर अन्य ब्लॉग पर भी जरूर जाऊंगी।
      मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए आपका हार्दिक आभार और अभिनंदन। मेरी हार्दिक शुभकामनाएं।

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  2. वाह! कहानी से कविता बुनना!! सुंदर सृजन

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    1. बहुत बहुत आभार आदरणीय दीदी। आपकी प्रशंसा मेरा संबल है

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  3. बहुत ही सुन्दर रचना सखी

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  4. डॉ प्रणव गौतम राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं चिकित्सालय प्रयागराज9 सितंबर 2022 को 11:55 am बजे

    हृदय स्पर्शी सृजन 👌
    बधाईयाँ एवं शुभकामनाएं 🙏

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  5. वाह बेहतरीन भावों का अद्भुत सृजन

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  6. वाह , शिक्षाप्रद कहानियों से सीख लेते हुए उसे काव्य रूप देना ... सुंदर सृजन है ।

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  7. बचपन में कहानियों के माध्यम से सुने जीवन के कथित आम प्रेरक प्रतीकों को विशेष बनाकर रचना में ढालना कोई आपसे सीखे प्रिय जिज्ञासा जी ।एक भावपूर्ण अभिव्यक्ति जो आपके काव्य की मौलिक विशेषता है।हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं आपको।

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  8. बहुत बहुत सुन्दर सराहनीय रचना

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  9. वाह.....उम्दा ,सराहनीय रचना

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  10. उस कहानी की चूलों में उलझे कई
    प्रश्न का हल मेरा आसमां बन गया।।
    वाह !!
    बहुत सुन्दर और प्रेरक सृजन ।

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  11. अद्वितीय ! कविता में कहानी ! कहानी अमृत वाणी !

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  12. आभार आपका नूपुर जी।प्रशंसा के लिए शुक्रिया ।

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  13. वाह!!!
    बचपन में सुनी कहानियों से शिक्षा और शिक्षा से कविता...
    बहुत लाजवाब सृजन ।

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  14. क्या बात है! एक बार फिर से आनन्द आया पढ़कर।बचपन में सुनी और पढ़ी सभी कहानियाँ जीवन्त हो उठी 👌👌❤

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