खिचरिया खाएँ श्रीभगवान! ..पद

 

खिचरिया खाएँ श्रीभगवान !

दाल-भात की बनी रे खिचरिया,पूजय सकल सुजान।

प्रात परात सजय हर्दी संग, खूब करय स्नान।

माथ लगे चरनन म छिटके,भिच्छुक पावत दान।

गंग-जमुन-सरयू के तट पर, भूखन की अभिमान।

उदर भरे आतमा तिरोहे, निरधन की वरदान ।

जनम-मरन, सुभ-असुभ की साथी, देत मनुज सम्मान।

बेटी-बधू भरी भरि अँचरा, माँड़व तर गुणगान।

बालक-बृंद सखा सम भावे, भावे वृद्ध जवान।

बिना तालु बिनु दन्तु क भोजन, मनुज गुनन की खान।

खिचरी भोज मनहिं मुदितावे, रोगी रोग निदान।

मकर जोग सखि आजु बनैहैं, खइहैं संग संतान। 

अइसन प्रभु जी भोज बनावा, भावत जगत जहान।

खिचरिया खाएँ श्रीभगवान !


मकर संक्रांति पर्व की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ💐


**जिज्ञासा सिंह**

23 टिप्‍पणियां:

  1. वाह जिज्ञासा !
    दधि-माखन-रोटी खाने वाले भगवान जी को खिचरिया खिलाने वाली तुम अनोखी भक्त हो.

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    1. भगवान भी खिचड़ी खाते हैं, मैने पढ़ा है, भोग तो लगता ही है,
      जगन्नाथपुरी में भी लगता है।
      बहुत आभार आपका।
      मकर संक्रांति पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई स्वीकारें 💐💐

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  3. भक्ति भाव से ओतप्रोत सृजन जिसमें मकर संक्रांति की महत्ता के साथ-साथ खिचड़ी के बहुमूल्य गुणों का बखान भी है ।अत्यंत सुन्दर और मनमोहक सृजन जिज्ञासा जी!

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    1. सुंदर सकारात्मक प्रतिक्रिया के लिए बहुत आभार आपका।
      मकर संक्रांति पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई स्वीकारें 💐💐

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  4. बहुत सुंदर। शुभकामना और बधाई!!!

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    1. सुंदर सकारात्मक प्रतिक्रिया के लिए बहुत आभार आपका।
      मकर संक्रांति पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई 💐💐

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  5. आपकी लिखी रचना सोमवार 16 जनवरी 2023 को
    पांच लिंकों का आनंद पर... साझा की गई है
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

    संगीता स्वरूप

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  6. "पांच लिंकों का आनंद" मेवराचना के चयन के लिए बहुत आभार आपका दीदी ।
    मकर संक्रांति पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई 💐💐

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  7. 'खिचरी भोज मनहिं मुदितावे, रोगी रोग निदान' वाह, खिचड़ी के गुणों का बखान और कृष्ण की भक्ति, सुंदर व सार्थक सृजन!

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    1. आपकी सुंदर सकारात्मक प्रतिक्रिया ऊर्जा प्रदान कर गई ।आभार दीदी। मकर संक्रांति पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई 💐💐

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  8. बहुत सुन्दर…आपको भी बहुत शुभकामनाएँ 🙏

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  9. आपकी सुंदर प्रतिक्रिया ऊर्जा प्रदान कर गई ।आभार दीदी। मकर संक्रांति पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई 💐💐

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  10. बालक-बृंद सखा सम भावे, भावे वृद्ध जवान।

    बिना तालु बिनु दन्तु क भोजन, मनुज गुनन की खान।
    खिचड़ी का महत्व साथ ही इतनी महत्वपूर्ण खिचड़ी का ऐसा सम्मान कग भोग लगायें श्रीभगवान!
    वाह!!!!
    कमाल का सृजन ।

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    1. इतनी सार्थक सुंदर टिप्पणी के लिए आभार प्रिय सखी।

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  11. अरे वाह्ह क्या बात है। आनंद आ गया जिज्ञासा जी।
    सुंदर रचना।
    सस्नेह।

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    1. मुझे भी आनंद आ गया आपकी प्रतिक्रिया पढ़कर । बहुत आभार सखी।

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  12. बहुत ही सुंदर सराहनीय लिखा आपने।

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  13. जितना आनन्द खिचरिया खाकर प्रभु को आ रहा उससे ज्यादा ये मधुर गीत पढ़कर रसिकों को आ रहा है।बहुत ही प्यारा गीत माधुर्य और भावों से सजा! हार्दिक शुभकामनाओं के साथ बधाई 🌺🌺🌺🙏

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  14. इतनी सार्थक सुंदर टिप्पणी आनंद दे गई। आभार प्रिय सखी।

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  15. आदरणीया सुधा जिज्ञासा सिंह जी ! प्रणाम !
    आनंद आ गया पढ़ कर , मानो रसखान जी की कोई रचना पढ़ी

    बिना तालु बिनु दन्तु क भोजन, मनुज गुनन की खान।

    खिचरी भोज मनहिं मुदितावे, रोगी रोग निदान।

    अद्भुत !
    प्रतिक्रया में विलम्ब हेतु क्षमा चाहूंगा !
    आपको मकर सक्रांति एवं उत्तरायण की हार्दिक शुभकामनाएँ !
    जय श्री राम !

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  16. बहुत बहुत आभार तरुण जी। आपकी टिप्पणी ने रचना को सार्थक कर दिया।

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