एक दीपक जल रहा है

 

एक दीपक जल रहा है


आँधियों की बस्तियों में,

एक दीपक जल रहा है।

खा रहा झोंके अहर्निश,

जूझता पल-पल रहा है॥


टूटतीं हैं खिड़कियाँ,

है झाँकती घायल किरन।

हो रहा चारों तरफ़,

नव श्वाँस का आवागमन।

डगमगाते दीप के राहों

में गहरी खाइयाँ,

खाइयों में ही उगा

एक झाड़ बन संबल रहा है॥

हाँ वो दीपक जल रहा है॥


काटता घनघोर तम,

लेकर कटारी ज्योति की।

कसमसाकर निकल आता,

वो सुदर्शन मौक्तिकी।

बंद था जो सीपियों में

एक युग से तिमिर संग,

सज गया माला में शोभित

कंठ में झिलमिल रहा है॥

अब भी दीपक जल रहा है॥


कौन है जो भटकता,

हर एक दिशा में चक्षु खोले।

जुगनुओं के इस नगर में,

दीपकों की ज्योति मोले।

मोम बनकर पिघलना है

जानता पाषाण भी,

है उसी को मूल्य लौ का

जो निरन्तर चल रहा है॥

सच में दीपक जल रहा है॥


जिज्ञासा सिंह

13 टिप्‍पणियां:

  1. काटता घनघोर तम,

    लेकर हथौड़ी ज्योति की।

    कसमसाकर निकल आता,

    वो सुदर्शन मौक्तिकी।
    बहुत सुंदर पंक्तियाँ, प्रेरणात्मक रचना

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  2. भावपूर्ण अभिव्यक्ति जिज्ञासा जी।
    सस्नेह।
    ----
    जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना शुक्रवार १४ जुलाई २०२३ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

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    उत्तर
    1. आभार प्रिय मित्र! रचना को इतने लोगों ने पढ़ा सबकी प्रशंसा ने सृजन सार्थक कर दिया। ये खुशी देने के लिए बहुत स्नेह आपका।

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  3. है उसी को मूल्य लौ का

    जो निरन्तर चल रहा है॥

    सच में दीपक जल रहा है॥
    अहर्निश झौंकों में जूझता दीपक ही जानता है जलने का मूल्य
    वाह!!!
    बहुत ही सुन्दर चिंतनपरक
    लाजवाब सृजन।

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  4. पूरी रचना प्रेरणादायक । सुंदर अभिव्यक्ति

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  5. वाह!जिज्ञासा ,बहुत खूबसूरत सृजन।

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  6. त्याग और समर्पण का दूसरा नाम है दीपक।तम को चीर कर प्रकाश को चहुँदिश प्रकाश फैलाने का दूसरा नाम है दीपक।दीपक के योगदान को कोई जाने ना जाने पर ये प्रेरणा और कर्म का संदेश देता हुआ खुद को मिटाता और बनाता है। दीपक के असंख्य रूपों को दर्शाती सुन्दर और भावपूर्ण रचना प्रिय जिज्ञासा।बहुत- बहुत अच्छा लगा रचना को पढकर।हार्दिक बधाई और प्यार 🙏

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  7. कौन है जो भटकता,
    हर एक दिशा में चक्षु खोले।
    जुगनुओं के इस नगर में,
    दीपकों की ज्योति मोले।
    मोम बनकर पिघलना है
    जानता पाषाण भी,
    है उसी को मूल्य लौ का
    जो निरन्तर चल रहा है॥
    सच में दीपक जल रहा है॥/_//_
    👌👌👌👌👌👌🙏🙏❤❤

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  8. बहुत सुन्दर !
    एक नन्हा सा दिया हमको अपने जीवन में हज़ारों चुनौतियों का सामना करना सिखाता है.

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  9. बड़ी ही उम्दा अभिव्यक्ति

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