गली गली में घूम बिसाती
बेच रहा मतवाला है ॥
चार बेटियाँ मुन्नू के घर
चौखट पर हैं रोक पड़ीं ।
घूर रहे हैं ताऊ कक्कू
क्यों द्वारे पर हुईं खड़ीं ॥
देख देख के लोग हँसेंगे,
ये घर बेटी वाला है ॥
वारिस ख़ानदान का होगा
इसी आस में गीता आई ।
गीता अपने पीछे सीता,
सरिता और सुनीता लाई ॥
बड़े अशुभ गीता के पग,
दिखता वंशज का लाला है ॥
झूला लटका नीम डाल पर
पेंग छुए अम्बर से ऊपर ।
कजरी गुड़िया तीज आ गई
मेहंदी हाथ रची है मनहर ॥
गुणी सर्व सम्पन्न हुईं वे
रचतीं भोज निवाला है ॥
गोबर काढ़ बनातीं उपले
भूसा घास बीन लातीं ।
चारा काट खिला देतीं
भैंसों से भी न घबरातीं ॥
रहीं अँगूठा छाप किताबी
अक्षर दिखता काला है ॥
हुईं सयानी ब्याह रचा
पट्टीदारों का भोज हुआ ।
मोल ख़रीदा खूब खिलाया
चुल्हिया न्योता रोज़ हुआ ॥
बिदा कर दिया दो धोती में
पड़ा करम गति ताला है ॥
**जिज्ञासा सिंह**
आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (20-07-2022) को
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच "गरमी ने भी रंग जमाया" (चर्चा अंक-4496) पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार करचर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आदरणीय शास्त्री जी, सादर प्रणाम !
हटाएंचर्चा मंच में रचना को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद। मेरी हार्दिक शुभकामनाएं।
बहुत ही बेहतरीन और प्रशंसनीय प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंबहुत आभार संजय जी ।
हटाएंबहुत सुन्दर और मनमोहक सृजन ।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार मीना जी ।
जवाब देंहटाएं'ये घर बेटी वाला है' इस अमानुषिक पुरुष-प्रधान सोच के खिलाफ़ हमको जंग छेड़नी ही होगी.
जवाब देंहटाएंरचना के मर्म तक जाने के लिए आपका हार्दिक आभार।
हटाएंझूला लटका नीम डाल पर
जवाब देंहटाएंपेंग छुए अम्बर से ऊपर ।
कजरी गुड़िया तीज आ गई
मेहंदी हाथ रची है मनहर ॥
सावन की छटा बिखर गयी
अति सुन्दर ।
जवाब देंहटाएंछोटे से गीत में आपने बेटियों की स्थिति पर गज़ब लिखा है जिज्ञासा जी।
जवाब देंहटाएंहृदय स्पर्शी ,और साथ में समाज की दकियानूसी सोच पर प्रहार भी है ,पर रोना आ रहा है।
अप्रतिम।
कितना कुछ पीछे छूटता चला जा रहा है, हमें एहसास ही नहीं होता ! बेहतरीन यादों को संजोती उम्दा रचना
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया जिज्ञासा जी।
जवाब देंहटाएंआपका यह सृजन जबरदस्त है। बेटियों को लेकर यह समझ जहां तहां मिल जाती है।
जवाब देंहटाएंआपका यह सृजन जबरदस्त है। बेटियों को लेकर यह समझ जहां तहां मिल जाती है।
जवाब देंहटाएंबड़े शहरों में तो ये दृश्य दिखाते नहीं । बेटियों की स्थिति का गज़ब चित्रण किया है ।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर व हृदयस्पर्शी रचना! सजीव चित्रण किया है आपने शब्दों के माध्यम से! 🙏🙏
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