रंगों का त्योहार

 


रंगों का त्योहार।

फागुन खड़ा, 

हमारे द्वार॥

होली आई है।

बहारें लाई है॥


घर आँगन गुलज़ार।

आपसी प्रेम,

बढ़ाना प्यार॥

क़सम ये खाई है।

होली आई है॥


सखी रंग गुलाल

ले के आ जाना। 

न शरमाना

न इतराना॥


खेलेंगे हम संग।

हाथ में ले गुलाल, 

औ रंग॥ 

खुमारी छाई है।

कि होली आई है॥


देखो आम

बहुत बौराया है। 

कली-कली पे

निखार अब छाया है॥


छाया हुआ बसंत।

बज रहा चारों,

तरफ मृदंग॥

संग शहनाई है।

होली आई है॥


गले सबको 

लगाना होली में।

सदभाव का

तोहफ़ा झोली में॥


देना हमको साज।

एकता प्रेम,

औ सभ्य समाज॥

मिटानी खाँई है।

होली आई है॥

🌺🌺🌺🌺


**जिज्ञासा सिंह**

8 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना  ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" मंगलवार 07 मार्च 2023 को साझा की गयी है
    पाँच लिंकों का आनन्द पर
    आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. वाह!जिज्ञासा जी ,बहुत खूब!होली की हार्दिक शुभकामनाएँ 🌷🌷

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  3. आदरणीया मैम, बहुत ही सुंदर कविता होली के अवसर पर। होली हमें प्रेम और सद्भाव की सुंदर शिक्षा देती है, यह दर्शाती हुई बहुत सुंदर रचना। आपके चरणों में दो चुटकी गुलाल मेरा भी । सादर प्रणाम।

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  4. पर्व की मधुरता को बिखराती सुंदर रचना ! होली की शुभकामनाएँ !

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  5. होली की हार्दिक शुभकामनाएं।

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  6. बहुत सुंदर। रंग पर्व की शुभकामनाएँ।

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